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Navratri 2023 : यूपी का वो शक्तिपीठ, शादी के बाद पहले यहां के दर्शन करता है गुजराती जोड़ा

Navratri 2023 : यूपी में माता सती का एक ऐसा शक्तिपीठ है। जहां से गुजरात के लोगों की अनोखी मान्यता जुड़ी है। गुजराती परिवारों में बच्चों की शादी के बाद वर-वधू को पहले यहां लाकर माता का आशीर्वाद दिलाया जाता है।

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Ramgiri-Shivani Shaktipeeth in UP

रामगिरि-शिवानी शक्तिपीठ धाम

वैसे तो पूरे देश में 51 शक्तिपीठों की मान्यता है। इसमें से पांच बड़े शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश में हैं। इन शक्तिपीठों की कहानी क्या है? इनकी पौराणिक मान्यता और किवदंतियों के बारे में हम आपको एक-एक कर बता रहे हैं। इसी के तहत हम आपको आज उत्तर प्रदेश के एक ऐसे शक्तिपीठ के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसकी मान्यता गुजरात तक फैली है। गुजराती परिवार बच्चों की शादी कराने के बाद उन्हें पहले यहां लाते हैं। गुजराती परिवारों में ऐसी मान्यता है कि यहां माता का आशीर्वाद मिलने से सब ठीक रहता है।

जहां-जहां सती के अंग और आभूषण गिरे, वहां बने शक्तिपीठ
पत्रिका उत्तर प्रदेश ने इससे पहले आपको तीन शक्तिपीठों की जानकारी दी है। इसमें सहारनपुर में स्थित शाकंभरी देवी, प्रयागराज में स्थित ललिता देवी के अलावा वाराणसी ‌स्थित विशालाक्षी शक्तिपीठ शामिल हैं। शिवचरित्र और तंत्रचूड़ामणि के अनुसार "जब शिवजी की पत्नी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में पति का अपमान सहन नहीं कर पाई।

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भगवान शिव के अपमान के चलते भगवती सती उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई। इससे नाराज भगवान शिव ने यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए।" आइये अब इस शक्तिपीठ के बारे में बताते हैं।

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चित्रकूट के पास स्थित है रामगिरि-शिवानी शक्तिपीठ
उत्तरप्रदेश के झांसी-मणिकपुर रेलवे स्टेशन चित्रकूट के पास रामगिरि स्थान पर माता का दायां वक्ष गिरा था। इसकी शक्ति शिवानी है और भैरव को चंड कहते हैं। हालांकि कुछ लोग मैहर (मध्य प्रदेश) के शारदा देवी मंदिर को शक्तिपीठ मानते हैं। चित्रकूट में भी शारदा मंदिर है। रामगिरि पर्वत चित्रकूट में है। चित्रकूट हजरत निजामुद्दीन-जबलपुर रेलवे लाइन पर स्थित है।

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गुजराती ब्राह्मण परिवार नवदंपतियों को दिलाते हैं माता का आशीर्वाद
स्टेशन का नाम 'चित्रकूटधाम कर्वी' है। यह लखनऊ से 285 किलोमीटर और हजरत निजामुद्दीन से 670 किलोमीटर दूर है। मानिकपुर स्टेशन से 30 किलोमीटर पहले चित्रकूटधाम कर्वी है। यहां गुजरात के ब्राह्मण वर्ग के लोग विवाह के बाद वर-वधू को सबसे पहले यहां देवी का चरणस्पर्श कराने के लिए लाते हैं। गुजराती ब्राह्मणों में मान्यता है कि यहां माता का आशीर्वाद मिलने से नवदंपतियों का जीवन सुखमय रहता है।

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