7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

70 साल का बुजुर्ग पोते का करना चाहता है अंतिम संस्कार, पुलिस नहीं दे रही खोपड़ी; जानें क्या है पूरा मामला

Chittorgarh News: पुलिस बुजुर्ग को यह कहकर टरका देती है कि खोपड़ी मालखाने में रखी है।

2 min read
Google source verification
news

जितेन्द्र सारण
चित्तौड़गढ़।70 साल का बुजुर्ग पोते के अंतिम संस्कार के लिए छह साल से थाने और एसपी ऑफिस के चक्कर लगा रहा है। वृद्ध का आरोप है कि डीएनए जांच में पुष्टि के बाद भी पुलिस अंतिम संस्कार के लिए पोते की खोपड़ी नहीं दे रही है। पुलिस बुजुर्ग को यह कहकर टरका देती है कि खोपड़ी मालखाने में रखी है, लेकिन कोर्ट से ही छूटेगी।

कनेरा निवासी ओंकार चारण का उन्नीस वर्षीय पोता योगेन्द्र उर्फ लोकेश पुत्र यशवंत चारण 21 सितंबर 2016 को लापता हो गया। जिसकी उसने थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई। 24 फरवरी 2018 को गुर्जर खेड़ी गांव में एक खेत में मानव खोपड़ी मिली। पुलिस ने खोपड़ी की डीएनए जांच करवाई तो वह योगेन्द्र की निकली। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया। खोपड़ी का उदयपुर मेडिकल कॉलेज से पोस्टमार्टम भी कराया गया। इधर, मृतक के दादा का आरोप है कि पुलिस ने खोपड़ी गुमा दी है। उसने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का भी आरोप लगाया है।

यह भी पढ़ें: युवती ने बुलाया तो दौड़ा चला आया… बंधक बनाकर युवक से 6 लाख वसूले

एफआर लगी, फिर खोली फाइल

पीड़ितओंकार चारण ने कुछ लोगों के नाम भी आंशका के आधार पर पुलिस को बताए। पुलिस ने पूछताछ की लेकिन, नतीजा कुछ नहीं निकला। आखिर 14 अगस्त 2021 को पुलिस ने इस मामले में एफआर लगा दी। प्रार्थी की गुहार के बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने फाइल को री-ओपन कर जांच के निर्देश दिए।

लाई डिटेक्टर टेस्ट से मुकरे संदिग्ध

पुलिसने इस मामले में संदिग्ध दिनेश बैरागी और विमला चारण का लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाने की न्यायालय से अनुमति प्राप्त की। 20 अगस्त 2024 को पुलिस ने इन दोनों को विधि विज्ञान प्रयोगशाला गांधी नगर गुजरात के अधीक्षक के समक्ष पेश किया। जहां दोनों ने लाई डिटेक्ट टेस्ट करवाने से मना कर दिया।

अंतिम संस्कार करवाना मकसद

पीड़ितओंकार चारण ने कहा कि उसकी आयु 70 साल हो चुकी है और वह अपने जीवित रहते पोते की खोपड़ी व कंकाल का धार्मिक रीति-रिवाज तथा विधि-विधान से अंतिम संस्कार करना चाहता है।

दुर्भाग्य से नहीं मिली सफलता

हमने इस मामले का खुलासा करने के लिए बहुत प्रयास किए पर दुर्भाग्य से सफलता नहीं मिल रही। जिन पर संदेह है उन्होंने न्यायालय की अनुमति के बाद भी लाई डिटेक्ट टेस्ट से मना कर दिया। मृतक का कंकाल भी बरामद नहीं हो पाया।
-बद्रीलाल राव, पुलिस उपाधीक्षक निम्बाहेड़ा

यह भी पढ़ें: जयपुर में फिर चलती कार में लगी भीषण आग, जलकर हुई खाक