
विधानसभा व एमएलए के फाइल फोटो
निलेश कांठेड़ @ चित्तौडग़ढ़
हम शिक्षकों व चिकित्सकों की कमी, आधारभूत सुविधाओं के विकास, अतिक्रमण व अवैध निर्माण जैसी कई समस्याओं से त्रस्त है, जिनको राज्य की सबसे बड़ी पंचायत यानि विधानसभा में उठवाना चाहते है। हमने जिन जनप्रतिनिधियों को विधायक बना सवाल पूछने का अधिकार दिया वे इसके लिए तैयार ही नहीं दिखते।
वर्तमान राज्य सरकार का अंतिम बजट सत्र चल रहा है लेकिन चित्तौडग़ढ़ जिले के चार विधायकों में से एक ने भी अधिकतम सीमा तक सवाल नहीं लगाए है। ये हालात केवल इस बजट सत्र में ही नहीं बल्कि सरकार के पिछले चार अन्य बजट सत्रों में भी रहे है।
प्रत्येक बजट सत्र में विधायक अधिकतम 100 सवाल सरकार से पूछ सकता है,लेकिन एक भी बजट सत्र में चित्तौड़ जिले का कोई विधायक कभी 80 से अधिक सवाल भी नहीं पूछ पाया। वर्तमान सरकार गठन के बाद 2014-15 में प्रथम बजट सत्र में तो बेंगू विधायक सुरेश धाकड़ ने 100 की तुलना में एक भी सवाल ही सरकार से नहीं पूछा।
वर्तमान सरकार का अंतिम बजट सत्र 2018-19 अभी चल रहा है। इस बजट सत्र में कुछ विधायकों ने जहां अधिकतम सीमा 100 के 100 सवाल लगा दिए है,वहीं जिले के चार विधायकों में से एक ने भी 70 या उससे अधिक सवाल नहीं लगाए है।
चालू सत्र में अब तक सर्वाधिक 77 सवाल बेंगू विधायक धाकड़ ने पूछे है। विधानसभा का बजट सत्र अभी जारी होने से माना जा रहा है कि कुछ विधायकों के सवालों की संख्या बढ़ सकती है।
पांच बजट सत्र में विधायक दक ने पूछे सर्वाधिक सवाल
सरकार के पांच बजट सत्र में विधायकों को अधिकतम 500 सवाल पूछने का अधिकार था। इनकी तुलना में चित्तौडग़ढ़ जिले के विधायकों में एक ने भी प्रथम श्रेणी हासिल करने लायक यानि 300 सवाल भी नहीं पूछे। सर्वाधिक 267 सवाल बड़ीसादड़ी विधायक गौतम दक ने पूछे।
इनके बाद चित्तौडग़ढ़ विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने 253 सवाल पूछे। कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने 209 एवं सबसे कम 122 सवाल बेंगू विधायक सुरेश धाकड़ ने सरकार से पूछे है। मंत्री बनने से पहले निम्बाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने तीन बजट सत्रों में 82 सवाल सरकार से पूछे थे।
हम भी जान सकते विधायकों के सवाल
हमारे विधायक विधानसभा में सरकार से क्या सवाल पूछ रहे है इसकी जानकारी भी मतदाता प्राप्त कर सकते है। इसके लिए राजस्थान विधानसभा की वेबसाइट पर वर्तमान 14वीं विधानसभा के वर्तमान बजट सत्र सहित 10 सत्रों में किस विधायक ने कौनसा सवाल लगाया और किस विभाग से सम्बन्धित था इसकी जानकारी मिल सकती है।
जानिए...कितने पूछ सकते हैं सवाल
नियमों के तहत विधायकों को सरकार से राज्य के किसी भी क्षेत्र का किसी भी विभाग से जुड़ा सवाल पूछने का अधिकार है। बजट सत्र में विधायक अधिकतम 100 सवाल पूछ सकता है, जिनमें 40 तारांकित व 60 अतारांकित हो सकते है।
विधानसभा के अन्य सत्रों में प्रत्येक सत्र में विधायक अधिकतम 30 सवाल पूछ सकता है, जिनमें 10 तारांकित व 20 अतारांकित हो सकते है। तारांकित सवालों का जवाब सरकार विधानसभा के पटल पर पेश करती है।
जबकि अतारांकित सवालों का जवाब विधायकों को सम्बन्धित विभागों से सीधे भी मिल सकता है। मंत्री, मुख्य सचेतक, उप सचेतक, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष जैसे पदों पर आसीन विधायक सवाल नहीं लगा सकते है।
आखिर विधायक क्यों नहीं पूछते सवाल
कुछ विधायक अधिकतम सीमा तक तो कुछ सीमा से बहुत कम सवाल पूछते है। कम सवाल पूछने वालों में अधिकतम संख्या सत्ताधारी दल भाजपा की है। जिले में सभी निर्वाचित विधायक भाजपा के होने से भी सवालों की संख्या कम होने का बड़ा कारण माना जाता है।
विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन एवं सरकारी महकमों के कामकाज से जुड़े सवालों के माध्यम से कई बार सरकार एवं प्रशासन की नकारात्मक छवि आमजन में उजागर होने का भय रहता है। इसके चलते भी सत्ताधारी दल के विधायक सवाल लगाने से बचते है।
किस विधायक ने किस बजट सत्र में कितने पूछे सवाल
विधायक का नाम व क्षेत्र, 2014-15, 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19
गौतम दक-बड़ीसादड़ी - 39- 67 - 72 - 52 - 37
चन्द्रभानसिंह आक्या-चित्तौडग़ढ - 61 - 58 - 47 - 41 - 46
अर्जुनलाल जीनगर-कपासन - 35 - 37 - 39 - 29 - 69
सुरेश धाकड़- बेगूं - 00 - 03 - 24 - 18 - 77
स्रोत- राजस्थान विधानसभा की वेबसाइट पर 15 फरवरी 2018 तक उपलब्ध जानकारी
Published on:
16 Feb 2018 11:19 am
बड़ी खबरें
View Allचित्तौड़गढ़
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
