चित्तौडग़ढ़ का कौनसा बांध हो रहा छलकने को आतुर
चित्तौड़गढ़Published: Sep 10, 2018 01:59:52 pm
चित्तौडग़ढ़ जिले में मानसून की मेहरबानी कायम है। लगातार हो रही बारिश से जिले का सबसे बड़ा गंभीरी बांध छलकने की कगार पर पहुंच गया है।
चित्तौडग़ढ़ का कौनसा बांध हो रहा छलकने को आतुर
चित्तौडग़ढ़ जिले में मानसून की मेहरबानी कायम है। लगातार हो रही बारिश से जिले का सबसे बड़ा गंभीरी बांध छलकने की कगार पर पहुंच गया है। बांध में २३ फीट पानी आने पर चादर चलने लगती है जबकि दोपहर तक करीब २२ फीट पानी आ चुका था। पच्चीस फीट की भराव क्षमता वाले बांध के दरवाजे २४ फीट पानी आने पर खेाल दिए जाएंगे। इस बांध के गेट खोलने पर पानी चित्तौडग़ढ़ शहर के मध्य से गुजर रही गंभीरी नदी में प्रवाहित होता है। ऐसे में नदी का जलस्तर भी बढऩे की संभावना जताई जा रही है। गंभीरी बांध चित्तौडग़ढ़ शहर में जलापूर्ति का भी मुख्य स्रोत रहा है। ऐसे में शहर के लोगों को भी बांध के शीघ्र छलकने का इंतजार है। बांध में पानी की भरपुर आवक होने का लाभ बांध क्षेत्र से सटे गांवों के किसानों को भी जमीन का जलस्तर बढऩे के रूप में मिल सकेगा।
बांध पर नहीं सुरक्षा के इंतजाम
गंभीरी बांध में जलस्तर के खतरे के नजदीक पहुंचने के बावजूद सुरक्षा इंतजाम लचर दिखे। बांध का गेज स्तर बताने वाले स्थान तक पहुचंने से रोकने वाला भी कोई नहीं दिखा जबकि पानी २२ फीट के नजदीक जा रहा था। उसके नजदीक आसपास के गांवों से आए कुछ लोग व बच्चें भी पहुंच गए। ऐसे में मामूली लापरवाही भी जानलेवा साबित होने का खतरा था,लेकिन बांध क्षेत्र में सुरक्षा के कोई ठोस प्रबंध नहीं दिखे।
गंभीरी पर पहुंचने की राह में क्षतिग्रस्त सड़कों का रोड़ा
चित्तौडग़ढ़ से करीब ३० किलोमीटर दूर गंभीरी बांध पहुंचने की राह में क्षतिग्रस्त भी बड़ा रोडा बन रही है। मांगरोल गांव से आगे बांध स्थल तक सड़के पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है एवं कई जगह सड़कों में बड़े-बड़े खड्डे भी दिखे। सड़क टूट जाने से वाहन चालकों विशेषकर दुपहिया वाहन चालकों के लिए गंभीरी बांध तक पहुंचना मुश्किल साबित हो रहा था। सड़कों पर खड्डों के कारण उनसे बच निकलने की जद्दोजहद में वाहनों के आमने-सामने आकर हादसे की आशंका भी बनी रहेती है।