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चित्तौड़गढ़।कोरोना महामारी के समय से जिस तरह से देश में डिजिटलाइजेशन हुआ और ऑनलाइन पेमेंट, शॉपिंग आदि का ट्रेंड बढ़ा, उसी तरह से साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। हर दिन देश में हजारों केस साइबर फ्रॉड हो रहे हैं। जहां लोग अपनी मेहनत की कमाई एक पल में गंवा रहे हैं।
वहीं, अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में और भी सुरक्षित और सजग रहने की आवश्यकता है। साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए देश में हाल ही गूगल इंडिया ने डिजी कवच और भारत सरकार ने साइबर सस्पेक्ट रजिस्ट्री की शुरुआत के साथ ही कई अन्य कदम उठाए हैं। ये दोनों ही एक तरह से साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन पेमेंट सेटी का काम करेंगे। इस बारे में साइबर एक्सपटर्स ने बताया कि ये दोनों ही एक तरह से लोगों के लिए वरदान साबित होंगे।
साइबर सिक्योरिटी एक्सपटर्स के अनुसार, देश में डिजिटल पेमेंट के साथ बढ़ते ऑनलाइन स्कैम को देखते हुए गूगल ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गूगल ने फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एपावरमेंट के साथ मिलकर डिजी कवच लॉन्च किया है, जो आम जनता के लिए वरदान होगा।
डिजी कवच अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली है, जो वित्तीय घोटालों का डेटा एकत्रित करेगा और मॉडल तैयार करेगा। यह सिस्टम घोटाले के महत्वपूर्ण बिंदुओं की पहचान करेगा और इसी तरह के घोटाले का पता चलने पर अधिकारियों को चेतावनी देगा। इसके अलावा, डिजी कवच स्थानीय पुलिस और साइबर क्राइम डिपार्टमेंट के साथ मिलकर काम करेगा, जिससे वित्तीय घोटालों का पता लगाने और निपटने में मदद मिलेगी।
फिशिंग हमलों से सुरक्षा: डिजी कवच फिशिंग हमलों को पहचानने और बचाने में मदद करता है।
मैलवेयर डिटेक्शन: यह सेवा उपयोगकर्ताओं के डिवाइस में मैलवेयर को पहचानने और हटाने में मदद करती है।
ऑनलाइन ट्रैकिंग से सुरक्षा: डिजी कवच उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन ट्रैकिंग से बचाने में मदद करता है।
साइबर ऑनलाइन ठगी का पता लगाना: साइबर ऑनलाइन ठगी को पहचानने और रोकने में मदद और डिजी कवच साइबर फ्राड को रोकने में मदद करता है।
साइबर एक्सपटर्स के अनुसार भारत सरकार ने हाल ही साइबर सस्पेक्ट रजिस्ट्री व समन्वय पोर्टल लॉन्च किए हैं। साइबर सस्पेक्ट रजिस्ट्री एक ऐसा डेटाबेस या प्रणाली होती है, जिसमें साइबर अपराधों या साइबर हमलों से संबंधित संदिग्ध व्यक्तियों, समूहों या संस्थाओं की जानकारी को संग्रहित किया जाता है।
मुख्य उद्देश्य साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देना और साइबर अपराधों की रोकथाम में सहायता करना है। वहीं, समन्वय पोर्टल साइबर अपराध में इस्तेमाल होने वाले फर्जी कार्ड, अकाउंट, साइबर क्राइम से बचाव, क्राइम एनालिसिस और इन्वेस्टिगेशन असिस्टेंस के समन्वय का काम करेगा। सीसीटीवी फुटेज मांगने का अनुरोध इसके जरिए भेजा जा सकेगा।
डिजिटल और एआई के जमाने में साइबर सुरक्षित रहना बहुत जरूरी हो गया है। भारत सरकार भी साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूक है। इसके लिए हाल ही संदिग्ध रजिस्ट्री, समन्वय पोर्टल लॉन्च किए हैं। गूगल का डिजी कवच भी साइबर फ्रॉड के मामलों पर लगाम लगाएगा। वहीं, भारत सरकार के चक्षु पोर्टल पर किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड से संबंधित शिकायत की जा सकती है। हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। -देवेन्द्र सिंह सांखला, साइबर एक्सपर्ट
Published on:
27 Sept 2024 11:56 am
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