
हाइटेक युग में जब हर काम ऑनलाइन हो रहा है तो पुलिस एवं प्रशासन से जुड़े दस्तावेज कैसे अछूते रहते। पुलिस वेरिफिकेशन भी ऑनलाइन बन रहे हैं। कोई भी व्यक्ति ई मित्र कियोस्क पर जाकर आवेदन कर सकेगा। ऑनलाइन वेरिफिकेशन पुलिस की मदद से ही बनेगा। पुलिस अधिकारी ही प्रमाणपत्र को डिजिटल हस्ताक्षर से सर्टिफाइट करेंगे।
वर्तमान में लोगों की सहूलियत व कार्य आसानी से हो, इसके लिए कई प्रमाण पत्र बनाने के कार्य ऑनलाइन जोड़ा जा गया है। इसी तर्ज पर पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट भी ऑनलाइन बनने शुरू हो गए। किसी भी सरकारी या निजी नौकरी अथवा विदेश जाना हो, लोगों को पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट की जरुरत होती है। यह कार्य पूरी तरह पुलिस से ही होता आया था।
अब लोगों की सहूलियत के लिए ई-मित्र केन्द्र पर पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। इसमें लोगों को थाने व कार्यालयों के ज्यादा चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। ऑनलाइन प्रक्रिया पुलिस की मदद के बिना अधूरी है। पुलिस ही आवेदनकर्ता की जानकारी देगी व अधिकारियों के हस्ताक्षर होंगे।
यह रही प्रक्रिया
इससे पहले पुलिस ही सर्टिफिकेट देते आई थी। इसके लिए आवेदनकर्ता को डाकघर जाकर 200 रुपए के पोस्टल ऑर्डर लाने पड़ते थे। लिखित आवेदन के साथ पोस्टल ऑर्डर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में देते थे। यहां अधिकारियों के हस्ताक्षर के बाद दस्तावेज देते, जिसके आधार पर सम्बंधित थाना पुलिस आवेदनकर्ता के रिकॉर्ड की जांच करती। इसके बाद ही पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट जारी होता।
अब लग रहे 230 रु
जानकारी में सामने आया कि ऑनलाइन प्रक्रिया में 230 रुपए का खर्चा हो रहा है। पहले डाकघर से पोस्टल ऑर्डर के 200 रुपए ही लगते थे। विभाग की ओर से निर्धारित शुल्क 200 रुपए तथा कियोस्क चार्ज 30 रुपए सहित कुल 230 रुपए देने होंगे। इस लिहाज से सस्ती प्रक्रिया भी है।
ऐसे बन रहा प्रमाणपत्र
आवेदक क्षेत्र के किसी भी ई-मित्र, सीएससी कियोस्क के मार्फत आवेदन भरेंगे। यहां आवेदन ऑनलाइन पोर्टल पर डाले जाएंगे, जहां से सम्बंधित थाने जाएगा। यहां से आवेदनकर्ता का पुलिस की ओर से वेरिफिकेशन होगा व ऑनलाइन डाला जाएगा। रिकॉर्ड अपटेड होने के बाद आवेदन पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाएगा। यहां रिकॉर्ड देख दस्तावेज पर पुलिस अधीक्षक के डिजीटल हस्ताक्षर होंगे। इसके बाद ऑनलाइन ही सम्बंधित ई-कियोस्क पर भेजा जाएगा। यहां स्पेशल स्टेशनरी पर प्रिंट कर दस्तावेज सौंपा जाएगा। ऑनलाइन प्रक्रिया में आवेदक को एक खिड़की पर ही जाना पड़ेगा। डाकघर के चक्कर काटने की जरुरत नहीं है।
ऑनलाइन वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट बन रहे है। एक ही खिड़की पर काम हो रहा है। इसके लिए सभी थानों में यूजर आईडी व पासवर्ड उपलब्ध कराए दिए। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत तय समय में सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं।
प्रवीण जैन, जिला प्रोग्रामर, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग
Published on:
07 Dec 2016 01:05 pm
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