
भीलवाड़ा जिले में मार्बल ले जाने के दौरान हादसे में युवक की मौत के मामले में गुरुवार को चित्तौडग़ढ़ जिले में आजोलिया का खेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिकों ने शव के साथ प्रदर्शन किया। इससे क्षेत्र की मार्बल औद्योगिक इकाइयां ठप रही। बाद में मार्बल इकाई की ओर से आर्थिक सहायता देने पर ही लोगों ने शव उठाया। प्रदर्शन के दौरान औद्योगिक क्षेत्र में पुलिस बल तैनात किया था।
पुलिस के अनुसार गंगरार थाना क्षेत्र के आजोलिया का खेड़ा रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थित श्रीनाथ मार्बल से बुधवार को भीलवाड़ा जिले के लिए मार्बल रवाना किया था। टै्रक्टर के साथ आजोलिया का खेड़ा निवासी लेहरू (35) पुत्र प्रताप गायरी गया था। बुधवार रात भीलवाड़ा जिले में टै्रक्टर ट्राली पलटने से लेहरू की मौके पर ही मौत हो गई थी। गुरुवार सुबह भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया।
हादसे के बावजूद मार्बल इकाई के मालिक की ओर से लेहरू के बारे में कोई सुध नहीं ली। परिवार को भी आर्थिक सहायता नहीं दी, जिससे श्रमिकों को रोष व्याप्त हो गया। आजोलिया का खेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में न्यू मेवाड़ मार्बल मजदूर संघ के अध्यक्ष जगदीश जाट के नेतृत्व में श्रमिकों ने प्रदर्शन कर दिया। लेहरू के शव को श्रीनाथ मार्बल पर लाकर रख दिया तथा मुआवजे की मांग की। प्रदर्शन के दौरान मार्बल इकाईयों पर कार्य ठप्प हो गया तथा श्रमिक धरने पर पहुंचे।
सूचना मिलने पर गंगरार डिप्टी राजेन्द्र कुमार ओझा, चित्तौडग़ढ़ डिप्टी गजेन्द्रसिंह जोधा, गंगरार सीआई शिवप्रकाश टेलर, चंदेरिया थाने से एसआई अ?बालाल सहित बड़ी संख्या में जाप्ता तैनात कर दिया। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों से समझाइश की। श्रमिकों ने 10 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की। काफी देर समझाइश के बाद मार्बल एशोसिएशन के विपिन लड्ढा ने एक लाख 25 हजार की आर्थिक सहायता की बात कही। इस पर श्रमिकों ने सहमती जताई तथा शव उठाने के लिए राजी हुए। बाद में शव को आजोलिया का खेड़ा ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार हुआ।
श्रमिकों ने भी दी सहायता
जानकारी में सामने आया कि लेहरू की काफी गरीब स्थिति में है तथा मजदूरी कर परिवार को चला रहा था। इसके छह साल की पुत्री तथा ढाई वर्ष का पुत्र है। इस पर अंतिम संस्कार के लिए मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों ने भी सहयोग किया। इसके लिए वहीं चादर फैलाई, जिसमें श्रमिकों ने सहयोग प्रदान किया। इस दौरान आनंदसिंह, मांगीलाल जायसवाल, हरीसिंह आदि ने प्रदर्शन व आर्थिक सहायता जुटाई।
बड़ी खबरें
View Allट्रेंडिंग
