फर्जी साइट से वायरल हुए थे कांग्रेस प्रत्याशी के पुत्र के नाम से संदेश
चित्तौड़गढ़Published: Jul 13, 2019 07:26:49 pm
विधानसभा चुनाव २०१८ में चित्तौडग़ढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी रहे सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत के पुत्र के नाम से मोबाइल के वाट्सएप स्क्रीन शॉट से वायरल की गई विवादित पोस्ट के मामले में एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने खुलासा किया है कि विवादित पोस्ट कांग्रेस प्रत्याशी के पुत्र के मोबाइल से वारयल नहीं हुई थी।
फर्जी साइट से वायरल हुए थे कांग्रेस प्रत्याशी के पुत्र के नाम से संदेश
-एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
-पुलिस ने माना,यह साइबर क्राइम हुआ था
चित्तौडग़ढ़
विधानसभा चुनाव २०१८ में चित्तौडग़ढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी रहे सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत के पुत्र के नाम से मोबाइल के वाट्सएप स्क्रीन शॉट से वायरल की गई विवादित पोस्ट के मामले में एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने खुलासा किया है कि विवादित पोस्ट कांग्रेस प्रत्याशी के पुत्र के मोबाइल से वारयल नहीं हुई थी।
सदर थाना प्रभारी नवनीत बिहारी व्यास ने बताया कि विधानसभा चुनाव २०१८ के दौरान चित्तौडग़ढ़ से सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत कांग्रेस प्रत्याशी थे। चुनाव के दौरान उनके पुत्र अभिमन्युसिंह जाड़ावत के नाम से मोबाइल के वाट्सएप स्क्रीन शॉट से विवादित पोस्ट वायरल हुई थी। इस संबंध में अभिमन्युसिंह ने एक दिसम्बर २०१८ को सदर थाने में रिपोर्ट दी थी कि अज्ञात व्यक्ति ने कूटरचित कथन तैयार कर प्रार्थी व उसके परिवार की ख्याति को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के इरादे से ऐसी पोस्ट तैयार कर प्रसारित की है। जबकि प्रार्थी के पिता विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी है। रिपोर्ट के आधार पर सदर थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।
फिर क्या हुआ
प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस ने कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ की। तत्कालीन अनुसंधान अधिकारी मुकुल शर्मा ने प्रार्थी का मोबाइल मय सिम व अन्य संदिग्ध लोगों के मोबाइल जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला जयपुर भेजे थे।
फोरेंसिंक जांच में यह खुलासा
सदर थाना पुलिस को फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट मिल गई है। रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी के मोबाइल से किसी प्रकार का वायरल पोस्ट स्टोर होना नहीं पाया गया है और न ही प्रार्थी के मोबाइल से कोई विवादित पोस्ट वायरल हुई थी। फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कई सारी फर्जी साईट हैं, जिससे साफ्टवेयर के जरिए इस तरह की फर्जी पोस्ट निर्मित की जा सकती है। ऐसे फर्जी संदेश इन्टरनेट के माध्यम से वायरल किए जाते हैं, जो साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है। पुलिस को यह जांच रिपोर्ट राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के साइबर फोरेंसिक खण्ड प्रभारी एवं सहायक निदेशक (भौतिक) डॉ. विश्वास भारद्वाज ने जारी की है।
फर्जी तरीके से वायरल हुई थी पोस्ट
विवादित पोस्ट प्रकरण के मामले में जांच रिपोर्ट आ चुकी है। यह पोस्ट फर्जी तरीके अपनाते हुए वायरल की गई थी। प्रार्थी के मोबाइल से किसी तरह की विवादित पोस्ट वायरल नहीं हुई थी। रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है।
नवनीत बिहारी व्यास
प्रभारी, सदर थाना चित्तौडग़ढ़