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Rajasthan Ground Water: ऐसे तो पाताल में भी नहीं मिलेगा पानी… जानें, किस जिले में कितना हो रहा भूजल का दोहन

राजस्थान में अतिदोहन से अब भूजल स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। जिस गति से भूजल का दोहन प्रदेश में हो रहा है उसे देखते हुए भविष्य में पाताल में भी पानी मिलने की संभावना को लेकर संशय की स्थिति बनने लगी है।

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राजस्थान में भूजल का अतिदोहन, पत्रिका फोटो

Chittorgarh: राजस्थान में अतिदोहन से अब भूजल स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। जिस गति से भूजल का दोहन प्रदेश में हो रहा है उसे देखते हुए भविष्य में पाताल में भी पानी मिलने की संभावना को लेकर संशय की स्थिति बनने लगी है। चित्तौड़गढ़ जिले में भीषण गर्मी में हर तरफ पेयजल संकट गहराने लगा है। प्रदेश में जल संरक्षण को लेकर सरकार ने वंदे गंगा नाम से सरकार ने जल संरक्षण जन अभियान शुरू किया है। जबकि राजस्थान में 149 प्रतिशत से अधिक भूजल का दोहन हो रहा है।

चित्तौड़गढ़ जिला अतिशोषित श्रेणी में शामिल

पानी के लिए लोग चार सौ फीट से भी ज्यादा गहरे ट्यूबवैल खोद रहे हैं। इसी कारण से राज्य में पानी का दोहन 149 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है। जबकि चित्तौडग़ढ़ जिले में जल दोहन का आंकड़ा 161.62 प्रतिशत है। जिला अतिशोषित श्रेणी में आ चुका है।

अंधाधुंध दोहन से गिरा भूजल स्तर

लोग बिना स्वीकृति के ही गहरे ट्यूबवैल खुदवाते जा रहे हैं। वर्ष 2024 में आई राज्य के भूजल संसाधनों की रिपोर्ट में प्रदेश की 295 पंचायत समितियों और 7 शहरी क्षेत्रों सहित 302 इकाइयों का आंकलन किया गया। इसमें 214 इकाइयां अति दोहित, 27 इकाइयां संवेदनशील, 21 इकाइयां अर्द्ध संवेदनशील, 37 इकाइयां सुरक्षित तथा 3 इकाइयां लवणीय श्रेणी की पाई गई। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की भूजल दोहन दर 149.59 प्रतिशत है। यानी जल दोहन की स्थिति बहुत गंभीर है। राज्य में सिर्फ हनुमानगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और गंगानगर को ही सुरक्षित माना गया है। इसके अलावा किसी भी जिले की स्थिति ठीक नहीं है।

कहां कितने प्रतिशत हो रहा है जल दोहन

चित्तौड़गढ़ जिले में जल दोहन का प्रतिशत 161.62 है। जबकि भीलवाड़ा 156.67, प्रतापगढ़ 130.41, उदयपुर 102.66, अजमेर 138.07, अलवर 188.05, बांसवाड़ा 69.18, बारां 134.2, बाड़मेर 132,03, भरतपुर 123.48, बीकानेर 139.15, बूंदी 100.74, चूरू 128.89, दौसा 243.07, धौलपुर 139,75, डूंगरपुर 61.8, गंगानगर 40.02, हनुमानगढ़ 64.06, जयपुर 222.82, जैसलमेर 357.67, जालोर 178.19, झालावाड़ 115, झुंझुनूं 219.59, जोधपुर 258.41, करौली 159.15, कोटा 110.6, नागौर 183.84, पाली 158.01, राजसमंद 125.14, सवाई माधोपुर 159.29, सीकर 194.12, तथा टोंक में जल दोहन 102.68 प्रतिशत हो रहा है।

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