
राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्राध्यापक हिंदी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में उत्तीर्ण दो महिला अभ्यर्थियों की फर्जी डिग्री के मामले में एसओजी की जांच गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी पहुंच गई है। गुरुवार को एसओजी की टीम यूनिवर्सिटी पहुंची। यहां एसओजी ने दोनों महिला अभ्यर्थियों की डिग्री को लेकर विस्तार से पूछताछ करने के अलावा आवश्यक दस्तावेज भी लिए। गुरुवार को एसओजी अजमेर चौकी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सोनी गंगरार में मेवाड़ यूनिवर्सिटी कार्यालय पहुंचे। सोनी ने सांचौर जिले के बागोड़ा गांव वाड़ा भाड़वी निवासी कमला कुमारी (31) व चितलवाना भूतेल देवड़ा गांव निवासी ब्रह्मा कुमारी की फर्जी डिग्री के संबंध में पड़ताल की। एसओजी ने आरपीएससी और महिला अभ्यर्थी कमला, उसके भाई दलपत सिंह, ब्रह्मा कुमारी, उसके भाई डॉ. सुरेश विश्नोई से जब्त किए गए दस्तावेज का मिलान करवाया। गौरतलब है कि आयोग ने 20 मार्च को आयोग ने सिविल लाइन थाने में दो मुकदमे दर्ज करवाए थे। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने प्रकरण को एसओजी के सुपुर्द किया था। एसओजी के समक्ष कमला, उसके भाई दलपतसिंह, ब्रह्मा कुमारी और उसके भाई डॉ. सुरेश विश्नोई ने 2-2 लाख रुपए में फर्जी डिग्री मेवाड़ यूनिवर्सिटी से बनाना कबूला था।
एएसपी सोनी की अगुवाई में गई टीम ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, रजिस्ट्रार कार्यालय सहित अन्य से विस्तार से पूछताछ की। टीम ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी चित्तौड़गढ़ प्रशासन से आवश्यक दस्तावेज भी लिए।
जांच में पकड़ी थी फर्जी डिग्री
आरपीससी ने प्राध्यापक हिंदी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में उत्तीर्ण महिला अभ्यर्थी कमला और ब्रह्मा कुमारी को जनवरी से मार्च तक लगातार वास्तविक दस्तावेज जमा करवाने के लिए कहा गया। उनकी ओर से पेश की डिग्री का वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर पूछा। वहां से जवाब मिलने के बाद मेवाड़ यूनिवर्सिटी में पत्र भेजा। यूनिवर्सिटी ने दोनों अभ्यर्थी की डिग्री को फर्जी बताया था। इसके बाद आयोग ने बीती 20 मार्च को तत्काल दोनों के खिलाफ सिविल लाइंस थाना पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। जहां देर रात दोनों महिला अभ्यर्थियों को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया।
Updated on:
30 Mar 2024 05:32 pm
Published on:
30 Mar 2024 05:31 pm
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