scriptकिसने कहा कि विधानसभा चुनाव में ही संभल जाते तो रावतभाटा पालिका हाथ से नहीं जाती | who say if bjp action again timely not loss rawatbhata chairmen post | Patrika News

किसने कहा कि विधानसभा चुनाव में ही संभल जाते तो रावतभाटा पालिका हाथ से नहीं जाती

locationचित्तौड़गढ़Published: Mar 16, 2019 01:06:32 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

चित्तौडग़ढ जिले के बेगूं विधानसभा क्षेत्र के रावतभाटा नगरपालिका में भाजपा का बहुमत होने के बावजूद पालिकाध्यक्ष के उपचुनाव में पार्टी के आधे से ज्यादा पार्षदों के क्रॉस वोटिंग करने से मिली कांग्रेस की जीत से भाजपा में अन्दरूनी खींचतान तेज कर दी है।

chittorgarh

रावतभाटा में पालिकाध्यक्ष पद पर नवनिर्वाचित कांग्रेस के धर्मेन्द्र तिल्लानी समर्थकों के साथ। -फाइल फोटो



चित्तौडग़ढ. जिले के बेगूं विधानसभा क्षेत्र के रावतभाटा नगरपालिका में भाजपा का बहुमत होने के बावजूद पालिकाध्यक्ष के उपचुनाव में पार्टी के आधे से ज्यादा पार्षदों के क्रॉस वोटिंग करने से मिली कांग्रेस की जीत से भाजपा में अन्दरूनी खींचतान तेज कर दी है। चित्तौडग़ढ़ संसदीय क्षेत्र के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से करीब एक पखवाड़े पहले के इस घटनाक्रम को पार्टी गंभीरता से ले रही है। इधर, रावतभाटा में पालिकाध्यक्ष का चुनाव हार जाने के बाद बेगूं के पूर्व विधायक सुरेश धाकड़ ने पार्टी जिला संगठन की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में भीतरघात करने वालों के खिलाफ समय रहते सख्त कार्रवाई हो जाती तो शायद रावतभाटा नगरपालिका में भाजपा का बहुमत होते हुए कांग्रेस का अध्यक्ष निर्वाचित हो जाने की नौबत नहीं आती। धाकड़ ने शुक्रवार को भाजपा जिलाध्यक्ष रतनलाल गाडऱी से रावतभाटा पालिकाध्यक्ष प्रकरण पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पालिकाध्यक्ष चुनाव में बहुमत होने के बावजूद पार्टी प्रत्याशी की पराजय के लिए जो भी पार्षद व पार्टी पदाधिकारी जिम्मेदार है उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। रावतभाटा नगरपालिका अध्यक्ष चुनाव में मिली करारी हार शुक्रवार को भाजपा कार्यकर्ताओं में चर्चा में रही। पार्टी का एक वर्ग इसके लिए खत्म हो रहे अनुशासन एवं आपसी खींचतान को जिम्मेदार बताते दिखा। जिला संगठन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते रहे। गौरतलब है कि रावतभाटा नगरपालिका बोर्ड के अध्यक्ष पद के उपचुनाव कांग्रेस प्रत्याशी धर्मेन्द्र तिल्लानी अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी अनुसुइया नागर को 13 मतों से हराया। कांग्रेस के धर्मेन्द्र को 19 तो भाजपा की अनुसुइया को 6 मत प्राप्त हुए। पालिका के २५ पार्षदों में से १५ भाजपा के है। भाजपा के पालिकाध्यक्ष बंशीलाल प्रजापत ने पिछले दिनों विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार को लेकर उठे सवालों के बीच इस्तीफा देने से यह चुनाव हुआ था।
……………..

क्रॉस वोटिंग करने पर छह पार्षद भाजपा से निष्कासित
रावतभाटा नगर पालिका अध्यक्ष उपचुनाव मे पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी अनुसुइया नागर के विरुद्ध मतदान करने वाले छह पार्षदो को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है ।भाजपा जिला अध्यक्ष रतनलाल गाडरी ने बताया कि अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी के विरुद्ध मतदान करने वाले पार्षद जाकिर हुसैन, हेमंत राठौड़, कमलेश बैरवा, सत्यनारायण बुनकर, मीना वानखेडे, आरती बलसोरी को प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया जाता है । गौरतलब है कि बेगूं विधानसभा क्षेत्र में शामिल रावतभाटा नगरपालिका बोर्ड के अध्यक्ष पद के उपचुनाव में पार्षद दल में भाजपा का बहुमत होते हुए कांग्रेस प्रत्याशी धर्मेन्द्र तिल्लानी अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी अनुसुइया नागर को 13 मतों से हराया। कांग्रेस के धर्मेन्द्र को 19 तो भाजपा की अनुसुइया को 6 मत प्राप्त हुए। पालिका के २५ पार्षदों में से १५ भाजपा के है।
………………………
बिना बहुमत दो पालिकाओं में कांग्रेस का अध्यक्ष
जिले में छह नगरपालिकाओं में से किसी में भी कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था। इसके बावजूद वर्र्तमान में दो नगरपालिका बड़ीसादड़ी व रावतभाटा में कांग्रेस के पार्षद पालिकाध्यक्ष बन गए है। दोनों ही जगह अध्यक्ष के इस्तीफा देने के बाद हुए चुनाव में भाजपा की आन्तरिक खींचतान के कारण कांग्रेस प्रत्याशी को अध्यक्ष निर्वाचित होने का अवसर मिल गया। बड़ीसादड़ी में तो भाजपा ने प्रत्याशी ही नहीं उतारा था तो रावतभाटा में प्रत्याशी को हार मिली। वर्तमान में चित्तौडग़ढ़ नगर परिषद के साथ निम्बाहेड़ा, कपासन, बेगूं नगरपालिका में भाजपा के अध्यक्ष है।
…………..
रावतभाटा नगरपालिका अध्यक्ष के चुनाव में जो कुछ हुआ वो पार्टी की आंख खोल देने वाला होना चाहिए। विधानसभा चुनाव में ही पार्टी की खिलाफत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर देते तो शायद ये स्थिति नहीं आती। अब भी जिसने पार्टी प्रत्याशी का साथ नहीं दिया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए चाहे वे कितना ही बड़ा व्यक्ति क्यों न हो।
सुरेश धाकड़, पूर्र्व विधायक, बेगूं

ट्रेंडिंग वीडियो