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ज्यादा बड़ी जीत तो किसने रखा ध्यान भी खास

locationचित्तौड़गढ़Published: Sep 17, 2018 10:05:27 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

मतदाता ने खास ध्यान देकर बूथ पर जीताया तो जीतने वाले का भी ध्यान उस पर कुछ ज्यादा ही रहा। हॉलाकि एक बूथ पर जीतने वाला विधायक बन गया तो दूसरे बूथ पर जीतने वाला सत्ता से बाहर हो गया लेकिन फिर भी दोनों का ध्यान उस बूथ पर कुछ ज्यादा रहा जहां उससे विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक वोट मिले थे।

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चित्तौडग़ढ़ के पंचदेवला गांव में विकसित हुआ चौराहा।



चित्तौडग़ढ़. मतदाता ने खास ध्यान देकर बूथ पर जीताया तो जीतने वाले का भी ध्यान उस पर कुछ ज्यादा ही रहा। हॉलाकि एक बूथ पर जीतने वाला विधायक बन गया तो दूसरे बूथ पर जीतने वाला सत्ता से बाहर हो गया लेकिन फिर भी दोनों का ध्यान उस बूथ पर कुछ ज्यादा रहा जहां उससे विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक वोट मिले थे। चित्तौडग़ढ़ विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चन्द्रभान सिंह आक्या ने कांग्रेस प्रत्याशी दो बार विधायक रह चुके सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत को हराया था। चुनाव में किसी एक बूथ पर सर्वाधिक मत पाने की दृष्टि से आक्या को बूथ नंबर २३२ पर ६७१ मत मिले तो जाड़ावत को बूथ नंबर १४३ पर ६०८ मत मिले। पत्रिका ने इन बूथ क्षेत्रों का दौरा कर ये जानने का प्रयास किया कि पिछले पांच वर्ष में इस बूथ क्षेत्र में उस प्रत्याशी की क्या सक्रियता व भूमिका रही जिसे उस क्षेत्र के मतदाताओं ने सर्वाधिक मत प्रदान किए थे। ये भी सामने आया कि किसी एक दल का गढ़ बन गए इस क्षेत्र में पांच वर्ष तक विरोधी प्रत्याशी व दल ने भी सेंधमारी का प्रयास किया ताकि आगामी चुनाव में उसे उस बूथ क्षेत्र से अधिक मत प्राप्त हो सके।
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आक्या की सबसे बड़ी जीत बूथ नंबर २३२ पर
भाजपा विधायक आक्या यूं तो कई बूथों पर विरोधी प्रत्याशी जाड़ावत से आगे रहे लेकिन बूथ नंबर २३२ उनके लिए खास मायने रखने वाला रहा। यहां उन्हें ६७१ मत मिले थे। भदसेर पंचायत समिति के पंचदेवला व सरलाई गांव के करीब ३०० घरों की आबादी वाले इस बूथ क्षेत्र में विधायक की सक्रियता लोग निरन्तर मानते है। चित्तौडग़ढ़ से करीब १५ किलोमीटर दूर उदयपुर राजमार्ग पर पंचदेवला चौराहा आते ही बूथ क्षेत्र शुरू हो जाता है। चौराहे से गांव तक की सड़क पर कुछ जगह बारिश का पानी भरा हुआ लेकिन लोग कहते है कि हालात पहले से सुधरे है ओर रोड का काम भी चल रहा है। गांव के व्यापारी बंशीलााल कुमावत कहते है कि एमएलए साहब को यहां सबसे ज्यादा वोट मिले तो उनका आना-जाना भी बराबर बना रहा। गांव में क्षतिग्रस्त चौराहे का मरम्मत कार्य होने के साथ सौन्दर्यकरण कार्य भी हुआ। उप स्वा्रस्थ्य केंन्द्र भी बनाया गया। गांव के ही राजु कुमावत कहते है कि रोडो की दशा भी पहले से सुधरी और जीतने वाले प्रत्याशी सुख दु:ख में भी आते रहे। हॉलाकि कुमावत बाहुल्य इस गांव के लोगों की ये भी पीड़ा थी कि अब भी गांव की पानी की टंकी जर्जर होने से हादसे का डर बना हुआ है तो कुछ रोड अब भी आने-जाने में परेशानी देते है। पंचदेवला हो या सरलाई दोनों ही गांवों के लोग ये भी कहते है कि हारने वाले प्रत्याशी भी यहां कभी आते रहे और आधार मजबूत करने का प्रयास किया।
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हार कर भी जाड़ावत बूथ नंबर १४३ पर रहे अव्वल
भाजपा प्रत्याशी आक्या से हारने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी जाड़ावत के लिए चित्तौड़ शहर के उपनगर सेंती दक्षिण का क्षेत्र बूथ नंबर १४३ खास है। यहां जाड़ावत ने ६०८ मत प्राप्त किए थे जो किसी एक बूथ पर उन्हें मिले सबसे ज्यादा वोट थे। सेंती की गुर्जर बस्ती, धाकड़ मोहल्ला,कच्ची बस्ती,पंचवंटी का कुछ क्षेत्र अपने में समेटे इस बूथ क्षेत्र का बड़ा हिस्सा शहर में होकर ग्रामीण क्षेत्र का अहसास कराता है। यहां अब भी कुछ जगह सड़क क्षतिग्रस्त है तो गदंगी भी फैली दिखती है लेकिन लोग कहते है कि ऐसा हाल तो शहर में सब क्षेत्रों में है इसलिए ये नहीं कह सकते कि विरोधी को वोट देने के कारण ऐसा हो रहा है। क्षेत्र के श्यामलाल शर्मा कहते है कि हारने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी क्षेत्र में आते रहे तो विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले भी लोगों से जुड़े रहे। अधिकतर लोग अधिक मत पाने वाले प्रत्याशी की हार के बावजूद उसकी भूमिका को लेकर संतुष्ट दिखे, हॉलाकि विधायक ने भी इन क्षेत्रों में दौरा कर लोगों से जुड़ाव बढ़ाया। क्षेत्र में सड़कों की दशा सुधारने के साथ पेयजल उपलब्धता भी पिछले पांच वर्ष में बढ़ी है। शहरी क्षेत्र होने से यहां शिक्षा, चिकित्सा में विशेष परेशानी नहीं हुई लेकिन क्षेत्र में सड़कों पर मवेशियों की बढ़ती संख्या से लोग परेशान है। क्षेत्र के सुंंदरलाल गुर्जर कहते है कि भामाशाह बीमा योजना, स्वच्छता अभियान जैसे कई पहल हुई लेकिन महंगाई पर लगाम नहीं लग पाने से लोगों में निराशा है।

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