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वैष्णो देवी हादसा: ‘क्या पता था अंतिम यात्रा होगी…’, घर के बाहर पहुंची एम्बुलेंस तो मच गई चीख-पुकार, 2 सगे भाइयों का बेटों ने किया अंतिम संस्कार

Vaishno Devi Landslide Tragedy: वैष्णोदेवी हादसे के शिकार सुजानगढ़ क्षेत्र के तीन व नागौर के एक मृतक का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया। अनिल के शव को पुत्र राहुल और अरविन्द को उनके पुत्र पीयूष और भावेश ने मुखाग्नि दी।

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चूरू

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Akshita Deora

Aug 30, 2025

फोटो: पत्रिका

2 Real Brother's Last Rites Performed Together: हर तरफ आंसू…चित्कार और कभी नहीं भूलने वाला दर्द….। जैसे ही वैष्णो देवी हादसे के मृतकों के शव सुजानगढ़ पहुंचे तो कोहराम मच गया। परिवार की महिला, बुजुर्ग और बच्चों से कस्बे के लोगों और रिश्तेदारों ने तीन दिन तक हादसे में अपनों के जाने की सूचना छिपाए रखी।

लेकिन जैसे ही शुक्रवार को घर के दरबारे पर अचानक एंबुलेंस पहुंची तो परिजनों की चीत्कार से कलेजे छलनी हो गए और पूरा मोहल्ला गम में डूब गया। हर कोई परिजनों को सांत्वना देने में जुटा था।

वैष्णोदेवी हादसे के शिकार सुजानगढ़ क्षेत्र के तीन व नागौर के एक मृतक का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया। अनिल के शव को पुत्र राहुल और अरविन्द को उनके पुत्र पीयूष और भावेश ने मुखाग्नि दी। एक साथ दो सगे भाइयों की मौत की वजह पूरे सुजानगढ़ कस्बे में शोक का माहौल रहा। लोगों ने बाजार बंद रखे और अनिल और अरविन्द के मोहल्ले में घरों में चूल्हे तक नहीं जले।

गौरतलब है कि वैष्णोदेवी में भूस्खलन की तबाही में शेखावाटी के भी तीन व नागौर के एक युवक की मौत हुई थी। इनमें दो सगे भाई सुुजानगढ़ निवासी 40 वर्षीय अनिल व 45 वर्षीय अरविन्द पुत्र हनुमानमल सोनी हैं। जबकि एक सारोठिया गांव निवासी इनका चचेरा भाई गजानंद सोनी तथा दूसरा नागौर निवासी इनकी बुआ का बेटा संदीप शामिल है। युवाओं की मौत से हर कोई स्तब्ध नजर आ रहा है।

25 लाख के आभूषण व दो लाख गायब

स्वर्णकार समाज अध्यक्ष अरविन्द सोनी ने बताया कि चारों मृतक साइन बोर्ड रेस्टोरेंट इन्द्रप्रस्थ में ठहरे हुए थे। मृतक अनिल व अरविन्द, गजानन्द के गले, हाथ, अंगूलियों में लगभग 25 लाख के आभूषण थे।

शव लेते समय उनके गले व हाथों में आभूषण नहीं मिले। वहीं दो लाख रुपए नगदी भी गायब मिले। परिजनों ने बताया कि छह मोबाइलों में से दो ही मोबाइल मिले है।

परिजनों का आरोप, पुलिस ने कहा कि एफआइआर कराएंगे तो ठहरना पड़ेगा

अरविन्द, अनिल व गजानंद के परिजन व रिश्तेदारों ने बताया कि आभूषण व मोबाइल गायब होने का पता शव लेते समय ही पता लग गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि उस समय पुलिस को बताया कि पुलिस ने कहा कि आप एफआइआर दर्ज करवा दो। इसके लिए एक जने को यहां ठहरना पड़ेगा। लेकिन हालात रुकने के नहीं होने की वजह से वहां से शवों को लेकर रवाना हो गए।

जलभराव के कारण वाहनों से ले गए शव

शमशान गृह के रास्ते में जगह-जगह जलभराव होने की वजह से अनिल व अरविन्द के शव को कॉलोनी के लोग वाहनों से लेकर मोक्षधाम पहुंचे। मोक्षधाम में एक से डेढ़ फीट पानी भरा होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

क्या पता था यह यात्रा अंतिम होगी

मौहल्ले के लोगों ने बताया कि अनिल व अरविन्द हर साल दोस्तों के साथ घूमने जाते थे। किसी को क्या पता था कि यह उनकी अंतिम यात्रा होगी। जम्मू जाते समय ही दोनों भाईयों ने एक रील भी बनाई थी, जिसमें श्याम बाबा के भजनों की सुनाई दे रहे थे।