
चूरू/सरदारशहर। मादक पदार्थ तस्करी में अब ‘कुरियर’ (सामान पहुंचाने वाले) पनप गए हैं। तस्कर इनको एक जगह पर मादक पदार्थ सौंप देते हैं। इसके बाद जगह पर तस्करी का सामान पहुंचाने की जिमेदारी इनकी होती है। तस्करी की पांच लाख रुपए की अफीम मध्यप्रदेश से हरियाणा या पंजाब पहुंचाने पर इनको मेहनताने के रूप में पांच हजार रुपए दिए जाते हैं।
खास बात यह है कि तस्कर इन्हें अपना नाम-पता और नंबर भी सहीं नहीं बताते। बस ठिकाने पर पहुंचने पर गिरोह से जुड़े लोग इनसे तस्करी का सामान लेकर भुगतान कर देते हैं। भानीपुरा थाना पुलिस की ओर से बस में अफीम की तस्करी कर रहे एक युवक को गिरफ्तार कर उसके पास से पांच लाख रुपए कीमत की एक किलो अफीम जब्त की है। थानाधिकारी रायसिंह ने बताया कि गिरतार आरोपी गोविंद प्रसाद पुत्र कन्हैयालाल मेघवाल उम्र 26 साल निवासी किशनपुरा मध्य प्रदेश को गिरफ्तार किया गया है।
गोविन्द प्रसाद ने अफीम को पोलीथिन में पैक कर अंडरगारमेंट में छिपा रखा था। लेकिन मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मेगा हाइवे पर बुकनसर फांटा के पास बस को रुकवा कर तलाशी ली तो गोविन्द के पास एक किलो अफीम मिली। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया हे कि वह अफीम नीमच से लेकर आया है, जिसे हरियाणा लेकर जाना है।
मामले की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हरियाणा और पंजाब तस्करी के जरिए मादक पदार्थ पहुंचाने का काम अब मुख्य तस्कर नहीं करते हैं। इसके लिए उन्होंने कुरियर बना लिए हैं। इन युवकों को तस्करी का सामान देकर ठिकाने पर भेजा जाता है। साथ ही यह अब कार या ट्रक से सफर करने की बजाय बस से सफर करते हैं। बस भी 30 से 50 किलोमीटर पर बदली जाती है। छोटी रूट की बस में सफर करने के कारण पुलिस भी इनकी तरफ ध्यान नहीं दे पाती है और वे ठिकाने पर पहुंच जाते हैं।
मादक-पदार्थ तस्करी पर पुलिस की ओर से जिले में लगातार कार्रवाई जारी है। इस वर्ष अप्रेल माह तक मादक पदार्थ तस्करी के 61 मामलें दर्ज कर 106 तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनसे भारी मात्रा में अफीम, डोडा-पोस्त, हीराइन व नशीली दवाइयां जब्त की गई है। कुछ मामलों में पुलिस को तस्कर गिरोह के सरगनाओं के नाम भी मिले हैं। लेकिन अन्य पहचान व मोबाइल नबंर सहीं नहीं होने के कारण अधिकतर मामलों में पुलिस सरगनाओं तक नहीं पहुंच पा रही है। हालांकि पुलिस अधीक्षक जय यादव की ओर से तस्करी की रोकथाम के लिए विशेष टीम के साथ साइबर सैल को भी सक्रिय कर दिया है।
चूरू में मादक पदार्थ तस्करी की पुलिस कार्रवाई पर नजर डाले तो पुलिस डाल-डाल और तस्कर पात-पात नजर आ रहे हैं। तस्करी को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक की ओर से हरियाणा व पंजाब जाने वाले रास्तों पर मुखबिर तैनात किए गए। इसके साथ ही संदिग्ध लग्जरी वाहनों के साथ ट्रकों पर भी निगरानी बढ़ाई गई। लेकिन अब सामने आया है कि छोटे रूट की बसों में तस्करी का सामान ले जाया जा रहा है। पुलिस लबी रूट की बड़ी बसों पर तो निगरानी रख सकती है, लेकिन छोटे रूट की बसों पर निगरानी रखना बड़ी परेशानी है।
तस्करी के मामले की जांच में आए तथ्यों के आधार पर पुलिस सरगनाओं की तलाश में जुटी है। पुलिस को मध्यप्रदेश व दूसरे प्रदेशों के कुछ तस्करों के नाम मिले हैं। उन्हें नामजद कर तलाश शुरू की गई है। इसके लिए डीएसटी व साइबर सैल को भी सक्रिय किया गया है।
Published on:
11 May 2024 02:59 pm
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