
Film Padmavat controversy in churu
चूरू.
संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावत की रिलीज को लेकर मामला जहां कोर्ट तक पहुंच गया, वहीं राजस्थान के लोगों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजपूत व अन्य समाज के लोगों का कहना है कि फिल्म के माध्यम से इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किए जाने को वे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस संबंध में पत्रिका ने राजपूत व अन्य समाज की महिलाओं ने राय जानी तो उन्होंने कहा कि यदि फिल्म का प्रदर्शन किया तो क्षत्रीय नारी जौहर के लिए भी तैयार हैं। इनका कहना है कोर्ट फिल्म को चलाने के आदेश दे रहा है। यह सही नहीं है।
फिल्म पद्मावत में महिलाओं के चरित्र पर सीधा सवाल उठाया गया है। यह फिल्म राजपूत समाज की क्षत्राणियों के खिलाफ है। जिसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके लिए वे सड़कों पर उतरेंगी, यदि जौहर भी करना पड़े तो इसके लिए तैयार हैं।
शायर कंवर, दूधवाखारा
रानी पद्मावती ने 16 हजार रानियों के साथ जौहर किया था। उनके साथ हर समाज की महिलाएं थीं। इस फिल्म को रिलीज किया जा रहा है। जो राजपूत समाज की महिलाओं के बहुत बड़ी ठेस है। हम महिलाएं पदमावती के अपमान को सहन नहीं करेंगे। यदि हमें सड़कों पर उतरना पड़े तो हम इसके लिए तैयार हैं।
ममता कंवर, चूरू
रानी पदमावती के इतिहास को तोड़ मरोड़कर फिल्म में दिखाया जा रहा है। यह राजपूत समाज की महिलाओं के साथ खिलवाड़ है। सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। फिल्म का नाम बदलना नाकाफी है। फिल्म के बारे में सरकार और न्यायालय दोनों को सही निर्णय लेना चाहिए ताकि आमजन को कोई परेशानी ना हो।
रेखा राजोतिया, चूरू
फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर उसको प्रस्तुत किया है। इसमें नारी के सम्मान को ठेस पहुंची है। सभी को अभिव्यक्ति देने का अधिकार है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसका प्रस्तुतिकरण गलत तरीके से किया जाए। सुप्रीम कोर्ट को इस पर विचार कर देश की जनता को न्याय देना चाहिए। ताकि किसी प्रकार की परेशानी ना हो।
रेखा मोयल, सुजानगढ़
Published on:
23 Jan 2018 03:59 pm
बड़ी खबरें
View Allचूरू
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
