
सीकर.
पढऩे-लिखने की उम्र में ही अपराध की राह पकड़ ली और नौकरी लगकर परिवार का सहारा बनने की उम्र तक आते-आते तो हिस्ट्रीशीटर बन गया। पुलिस के लिए भी सिरदर्द बना सो अलग। एक के बाद एक वारदात को अंजाम देता रहा और कुछ ही सालों में इसके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या इसकी उम्र से भी अधिक हो गई।
पुलिस को इसे पकडऩे के लिए दस हजार रुपए का ईनाम भी रखना पड़ा। आखिर बुरे कामों का अंजाम भी बुरा ही हुआ। दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया। वो भी कोर्ट परिसर में। ये बॉलीवुड की किसी फिल्म की रील स्टोरी नहीं बल्कि राजस्थान के चूरू जिले के हमीरवास थाना इलाके के गांव जैतपुरा के विद्याधर जाट के बेटे अजय कुमार जैतपुरा की रियल स्टोरी है।
अजय जैतपुरा इन दिनों जमानत पर चल रहा था। बुधवार दोपहर करीब एक बजे को वह किसी मामले में सादुलपुर के मिनी सचिवालय स्थित एडीजे कोर्ट में पेशी पर आया था। पेशी के दौरान अजय जैतपुरा के साथ उसका वकील रतनलाल प्रजापत भी था। इसी दौरान जीप में सवार होकर अज्ञात बदमाश आए और कोर्ट में घुसकर अजय जैतपुरा पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी।
गोलिया अजय जैतपुरा, रतनलाल प्रजापत व एक अन्य व्यक्ति को लगी। फायरिंग में घायल हुए तीनों व्यक्तियों को सादुलपुर के अस्पताल से गंभीर हालत में हिसार रैफर किया गया है। अजय के तीन गोली लगी है। उसकी मौत हो जाने की सूचना है, मगर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
यहां दर्ज हुए थे मामले
चूरू पुलिस की वेबसाइट के अजय जैतपुरा की हिस्ट्रीशीट 23 साल की उम्र में ही खुल गई थी। इसके खिलाफ विभिन्न थानों इलाकों में 34 मामले दर्ज हुए। इसके खिलाफ चूरू, झुंझुनूं व हरियाणा आदि में 34 मामले दर्ज हैं। जयपुर के जवाहर सर्किल थाना इलाके में हुई लूट में मामले भी उसकी तलाश थी।
दो साल पहले अजय जयपुर में किराए के मकान में रहा था। तब पुलिस ने उसे किसी अन्य जगह से दबिश देकर गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त अजय पर पुलिस ने दस हजार रुपए का ईनाम रखा हुआ था।
Updated on:
17 Jan 2018 05:50 pm
Published on:
17 Jan 2018 05:36 pm
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