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20 लाख कैसे गए पानी में, इस जोहड़ ने दिया सबूत

19.75 लाख रूपये की लागत से 6माह पूर्व डूंगराणा जोहड़ का निर्माण हुआ था लेकिन इसकी गुणवत्ता की पोल मानसून की बरसात ने खोल दी।

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चूरू

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Brijesh Singh

Aug 24, 2020

20 लाख कैसे गए पानी में, इस जोहड़ ने दिया सबूत

20 लाख कैसे गए पानी में, इस जोहड़ ने दिया सबूत

चूरू/रतनगढ़. क्षेत्र में जल ग्रहण समिति की ओर से करवाये गए कार्यों की बनावट में गुणवत्ता की कलई तब खुल गई जब छह माह पूर्व तहसील के गांव नूंवा में बना जोहड़ ढह गया। इस १९.७५ लाख की लागत से बने जोहड़ निर्माण में घटिया सामग्री प्रयोग की ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद भी संबधित विभाग व प्रशासन आंखे मूंदे बैठा रहा। गांव के माणकचन्द, जगदीश प्रसाद, प्रतापसिंह आदि ने बताया कि तहसील के ग्राम नूंवा में जलग्रहण उप समिति के तहत आईडब्ल्यू एमपी योजना चूरू 34 के अन्तर्गत 19.75 लाख रूपये की लागत से 6माह पूर्व डूंगराणा जोहड़ का निर्माण हुआ था लेकिन इसकी गुणवत्ता की पोल मानसून की बरसात ने खोल दी।

उक्त जोहड़े की एक तरफ की लगभग 10 से 15 फुट लंबी बिना नींव के बनाई गई दीवार ढह गई। जोहड़ ढहने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि जोहड़े के निर्माण कार्य को लेकर हमने पूर्व में भी विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारों को चेताया था लेकिन उन्होंने आनन फानन में ही जोहड़े की चार दीवारी बनवाकर रंग पुताई करके कार्य पूर्ण होना बता दिया। बरसात के कारण अभी दो दिन पूर्व जोहड़े की दीवार ढहने से निर्माण कार्य की पोल खुल गई।

इस संबंध में कनिष्ठ अभियंता जुगलकिशोर से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि उक्त जोहड़े के निर्माण को लेकर विभाग की ओर से पूर्व में भी ठेकेदार को चेताया गया था और इसकी उच्चाधिकारियों को भी सूचना दे दी गई। संबंधित फर्म को इसकी मरम्मत के लिए नोटिस भी दिया गया है। देखना है कि इस प्रकार पूरे क्षेत्र में बने जोहड़ निर्माण कार्यों की पूरी जांच होती है अथवा इसी एक जोहड़े की जांच करके विभाग अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर लेता है।

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