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Makar Sankranti Kab hai: 14 या 15 जनवरी, इस बार कब है मकर संक्रांति, जानिए सही तिथि

Makar Sankranti Date 2024 : बाजारों में पतंग की दुकानें सज गई हैं। पतंगों व मांझे की मांग बढ़ गई है। शीतकालीन छुट्टियों के चलते बच्चे पतंग उड़ाने का लुत्फ ले रहे हैं।

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चूरू

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Santosh Trivedi

Jan 11, 2024

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Makar Sankranti Date 2024 : राजस्थान के चूरू शहर के बाजारों में पतंग की दुकानें सज गई हैं। पतंगों व मांझे की मांग बढ़ गई है। शीतकालीन छुट्टियों के चलते बच्चे पतंग उड़ाने का लुत्फ ले रहे हैं। पतंग की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ बढ रही है। लोगों में मकर संक्रांति पर्व को लेकर उत्साह है। घरों में भी पर्व की तैयारियां चल रही हैं। महिलाएं तिल को साफ कर व धो कर सुखा रही हैं, जिससे उनके लड्डू बनाए जा सकें। इसके अलावा दालों व अन्य अनाजों को साफ कर तैयार किया जा रहा है। इधर, पर्व को लेकर किए जाने वाले दान पुण्य के बारे में पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि मकर संक्रांति पर गुड़,तिल और खिचड़ी दान का विशेष महत्व है ।यह सूर्य शनि और नवग्रह से जुड़ा पर्व भी कहलाता


पंडित दिनेश मिश्रा के अनुसार हमारे पुराणों व शास्त्रों में मकर संक्रांति पर स्नान व दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। ये पर्व फसल और सूर्य-शनि से जुड़ा है। मकर संक्रांति के दिन तिल संबंधी कुछ काम करके सोए हुए भाग्य को भी जगा सकते हैं। इसे तिल संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहते हैं। क्योंकि इसके बाद से सूर्यदेव उत्तर दिशा की ओर गमन करते हैं। इस दिन तिल के अलावा गुड़, खिचड़ी खाने और दान का भी महत्व है। शास्त्रों में मान्यता है कि इन तीनों चीजों के बिना मकर संक्रांति का त्योहार अधूरा है।

खिचड़ी से जुड़े हैं ये ग्रह
मकर संक्रांति पर खिचड़ी के उपयोग से नवग्रह की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही आरोग्य का वरदान मिलता है। शास्त्रों में बताया गया है कि खिचड़ी में मिलाए जाने वाले पदार्थ नवग्रहों से जुड़े होते हैं। खिचड़ी में चावल महत्वपूर्ण है जो चंद्रमा और शुक्र ग्रह की शुभता पाने के लिए लाभदायक है। खिचड़ी घी के बिना अधूरी मानी जाती है। घी से सूर्य का संबंध है, इससे सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। हल्दी बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करती है। खिचड़ी में डाली जाने वाली काली दाल के सेवन से शनि, राहु व केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। कई लोग मकर संक्रांति पर मूंग दाल, हरि सब्जियों और चावल के मिश्रण से खिचड़ी बनाते हैं। मूंग दाल और हरि सब्जियां बुध से संबंधित है। खिचड़ी के साथ खाए जाने वाला गुड़ मंगल और सूर्य का प्रतीक माना जाता है।

जानें क्यों करते हैं गुड़-तिल का दान
मकर संक्रांति पर विशेषकर काले तिल और गुड़ या उससे बनी चीजों का दान शनि देव और सूर्य देव का आर्शीवाद दिलाता है। काले तिल का संबंध शनि से है और गुड़ सूर्य का प्रतीक है। मकर संक्रांति पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं। इसलिए इस दिन गुड़ का सेवन और दान करने से मान सम्मान में वृद्धि होती है। सूर्य की कृपा से करियर में लाभ मिलता है। गुड़ और तिल की तासीर गर्म होती है। दोनों ही चीजें सर्दी के प्रभाव से बचाने में फायदेमंद मानी जाती हैं। इसे खाने से शरीर को गर्माहट मिलती है।