
चूरू। राजस्थान में इन दिनों जंगली जानवरों का रिहायशी इलाकों में देखा जाना आम हो गया है। ताजा मामला चूरू जिले के साहवा इलाके के बांय गांव का है जहां ग्रामीण इलाकों में तेंदुआ देखे जाने के बाद हड़कंप मच गया। दरअसल, शनिवार को खेत में तेंदुआ देखे जाने के बाद दहशत का आलम हो गया। सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ मौके पर एकत्र हो गई। सूचना पर वन विभाग व पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची। लेकिन संशाधनों के अभाव में तेंदुआ को काबू नहीं किया जा सका। देर रात ग्रामीण तेंदुआ को ट्रेकुलाइट करने वाली टीम का इंतजार कर रहे थे।
जानकारी के अनुसार बांय की अगुणी रोही में किसान साहबदीन पुत्र सरफदीन कुम्हार के खेत में सुबह करीब नौ बजे तेंदुआ दिखाई दिया। जिसकी सूचना पाकर मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। सूचना पर तारानगर क्षेत्रीय वन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह 10 सदस्यीय टीम को लेकर दोपहर 3 बजे मौक पर पहुंचे। साहवा थानाधिकारी अल्का बिश्नोई भी सूचना मिलने पर करीब 4 बजे मौके पर पहुंची।
मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम के पास तेंदुआ को काबू करने का कोई संशाधन नहीं था। तेंदुआ सरसों की फसल में छिपा बैठा रहा। तेदुआ के पदचिह्न के आधार पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो तेंदुआ भागकर पास ही खेत में खड़ी सरसों की फसल में छिप गया। इस दौरान ग्रामीणों ने उसका वीडियो भी बना लिया। मौके पर उपस्थित ग्रामीण मुस्ताक ख़ान व लीलाधर जोशी ने बताया कि खेत के मालिक की सूचना पर पुलिस व वन विभाग को सूचित किया गया और गांव वाले खेतों में एकत्र हो गए। वन विभाग टीम सदस्य सुरेन्द्र सिंह, सुनील कुमार बागड़ी ,बाबूलाल, राजवीर पूनिया, राकेश कुमार, ताने खां, लियाकत, हीरालाल सैनी, महेन्द्र सिंह सहित सरपंच दलीप खां, रामकुमार घोटड़, मनीष सोनी, किशन यादव सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।
मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम के पास रोशनी के लिए बड़ी टॉर्च भी नहीं थी। रात होने पर मोबाइल की टॉर्च से ही रोशनी की जा रही थी। यहां तक की तेंदुआ को काबू करने के लिए जाल भी नहीं था। वनविभाग के अधिकारियों का कहना है कि तेंदुआ को ट्रेकुलाइज करने के लिए टीम जयपुर से रवाना की गई है। देर रात टीम के पहुंचने पर तेंदुआ को काबू करने का प्रयास किया जाएगा।
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Published on:
10 Mar 2024 05:44 pm
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