तो क्रिकेटर नहीं बन पाते गावस्कर
वैसे तो सुनील गावस्कर के क्रिकेट कॅरियर के कई किस्से मशहूर हैं, लेकिन उनके बचपन की एक ऐसी घटना है जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। बचपन में उनके साथ ऐसी घटना घटी थी,जिससे उनकी पूरी जिंदगी बदल सकती थी। इस घटना का जिक्र गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘Sunny Days’ में भी किया है। उन्होंने किताब में लिखा था,’मैं कभी क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही यह किताब लिखी गई होती, अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते।
वैसे तो सुनील गावस्कर के क्रिकेट कॅरियर के कई किस्से मशहूर हैं, लेकिन उनके बचपन की एक ऐसी घटना है जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। बचपन में उनके साथ ऐसी घटना घटी थी,जिससे उनकी पूरी जिंदगी बदल सकती थी। इस घटना का जिक्र गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘Sunny Days’ में भी किया है। उन्होंने किताब में लिखा था,’मैं कभी क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही यह किताब लिखी गई होती, अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते।
यह भी पढ़ें— सुनील गावस्कर को उम्मीद: रोहित शर्मा इंग्लैंड में दोहरा सकते हैं पांच शतकों का रिकॉर्ड बर्थ मार्क से पहचाना
गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा कि अस्पताल में नर्स ने उन्हें गलती से किसी मछुआरे की पत्नी के पास सुला दिया था। नहलाते समय दोनों बच्चों की अदला—बदली हो गई थी। हालांकि जब गावस्कर का जन्म हुआ था तो उनके नारायण मासुरकर काका ने गावस्करके कान पर एक बर्थमार्क देखा था। जब दूसरे दिन वह फिर अस्पताल आए और उन्होंने जिस बच्चे को गोद में उठाया, उसके कान पर वो बर्थ मार्क नहीं मिला। इसके बाद पूरे अस्पताल में बच्चों को चेक किया गया। गावस्कर मछुआरे की पत्नी के पास सोता हुए मिले। गावस्कर ने लिखा थास कि अगर उस दिन चाचा ने ध्यान नहीं दिया होता, तो हो सकता था कि वह आज मछुआरा होते।
गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा कि अस्पताल में नर्स ने उन्हें गलती से किसी मछुआरे की पत्नी के पास सुला दिया था। नहलाते समय दोनों बच्चों की अदला—बदली हो गई थी। हालांकि जब गावस्कर का जन्म हुआ था तो उनके नारायण मासुरकर काका ने गावस्करके कान पर एक बर्थमार्क देखा था। जब दूसरे दिन वह फिर अस्पताल आए और उन्होंने जिस बच्चे को गोद में उठाया, उसके कान पर वो बर्थ मार्क नहीं मिला। इसके बाद पूरे अस्पताल में बच्चों को चेक किया गया। गावस्कर मछुआरे की पत्नी के पास सोता हुए मिले। गावस्कर ने लिखा थास कि अगर उस दिन चाचा ने ध्यान नहीं दिया होता, तो हो सकता था कि वह आज मछुआरा होते।
यह भी पढ़ें— सुनील गावस्कर ने बताई WTC Final में हार की वजह, भारतीय बल्लेबाजों से हुई यह चूक गावस्कर का क्रिकेट कॅरियर
गावस्कर ने वर्ष 1971 से 1987 तक के अपने 16 साल के टेस्ट कॅरियर में 10,122 रन बनाए, जिसमें 34 शतक शामिल हैं। वहीं वनडे की बात करें तो गावस्कर ने अपने कॅरियर में 108 वनडे इंटरनेशनल खेले। इसमें उन्होंने 3092 रन बनाए। हालांकि वनडे में वह सिर्फ एक ही शतक लगा पाए। टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन के आंकड़े को छूने वाले गावस्कर पहले क्रिकेटर रहे। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपने 124वें टेस्ट मैच में यह उपलब्धि हासिल की थी।
गावस्कर ने वर्ष 1971 से 1987 तक के अपने 16 साल के टेस्ट कॅरियर में 10,122 रन बनाए, जिसमें 34 शतक शामिल हैं। वहीं वनडे की बात करें तो गावस्कर ने अपने कॅरियर में 108 वनडे इंटरनेशनल खेले। इसमें उन्होंने 3092 रन बनाए। हालांकि वनडे में वह सिर्फ एक ही शतक लगा पाए। टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन के आंकड़े को छूने वाले गावस्कर पहले क्रिकेटर रहे। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपने 124वें टेस्ट मैच में यह उपलब्धि हासिल की थी।