
Champions Trophy 2025 को लेकर बीसीसीआई पीसीबी के उस प्रस्ताव को ठुकरा चुका है, जिसमें उसने हाइब्रिड मॉडल के तहत तीन साल की लिखित में गारंटी के साथ आईसीसी के रेवेन्यू में बदलाव की मांग की थी। पीसीबी ने कहा था कि वह आगामी तीन साल भारत की मेजबानी में खेले जाने वाले किसी आईसीसी टूर्नामेंट में नहीं खेलेगा। उसके मैच भी तटस्थ वेन्यू पर आयोजित किए जाएं। इसके अलावा आईसीसी से मिलने वाली वार्षिक राशि भी बढ़ाई जाए। अब टूर्नामेंट के आयोजन को लेकर PCB एक अंतिम बैठक करने जा रहा है। उम्मीद है कि इसी दिन चैंपियंस ट्रॉफी पर फैसला भी हो जाएगा।
चैंपियंस ट्रॉफी पर फैसले की एक और अंतिम तारीख सामने आ गई है। बुधवार (11 दिसंबर) तक पाकिस्तान में होने वाली एक बैठक में टूर्नामेंट के आयोजन के भविष्य पर फैसला होने की उम्मीद है। पीसीबी ने कथित तौर पर हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार कर लिया है, लेकिन कुछ मांगें भी रखी हैं। अब सवाल ये है कि क्या आईसीसी पीसीबी की किसी भी मांग को पूरा करेगा और क्या पीसीबी आईसीसी के फैसले से सहमत होगा, अब यह देखना दिलचस्प होगा।
पीसीबी को आईसीसी से सालाना 5.75 फीसदी (292 करोड़ रुपए) मिलते हैं। उसने मांग की थी कि उसका रेवेन्यू बढ़ाकर 10 से 13 फीसदी किया जाए। इसके अलावा पीसीबी ने भारत की मेजबानी में खेले जाने वाले आगामी महिला वनडे विश्व कप 2025, पुरुष एशिया कप, टी20 विश्व कप 2026 में पाकिस्तान के सभी मैच तटस्थ वेन्यू पर कराने की मांग भी की थी।
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पास ये आखिरी मौका है। अगर पीसीबी इस बैठक में किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाता है या फिर आईसीसी उसके फैसले से सहमत नहीं होता है तो पाकिस्तान से मेजबानी छीनी भी जा सकती है।
Published on:
10 Dec 2024 09:08 am
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