
भारतीय क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा। (फोटो सोर्स: IANS)
टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इसी के साथ एक युग का अंत हो गया। टी20 के जमाने में बहुत कम बल्लेबाज हैं जो ओल्ड स्कूल क्रिकेट खेलना जानते हैं। पुजारा के इस फैसले ने कई भारतीय फैंस को दुखी कर दिया है। कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर भी उनके संन्यास से भावुक हो गए हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है।
शशि थरूर ने एक्स पर लिखा, "चेतेश्वर पुजारा के रिटायरमेंट से मन में एक कसक है। भले ही हालिया समय टीम इंडिया से बाहर किए जाने के बाद यह फैसला लगभग तय था, भले ही अब उनके पास साबित करने के लिए कुछ बाकी नहीं था, लेकिन वो थोड़े और समय टीम के लिए खेलने और अपने शानदार टेस्ट करियर के लिए एक सम्मानजनक विदाई के हकदार थे। जब उन्हें टीम से बाहर किया गया, तो उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए घरेलू क्रिकेट में वापसी की और कई शानदार इनिंग्स खेलीं। लेकिन चयनकर्ताओं ने पहले ही आगे बढ़ने का फैसला कर लिया था। ऐसे में पुजारा का संन्यास लेना गलत नहीं कहा जा सकता।"
शशि थरूर ने आगे लिखा, "मैं उनकी पत्नी की किताब 'द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर्स वाइफ’ पढ़ रहा था और सोच रहा था कि पुजारा ने जो कुछ हासिल किया है, उसके लिए कितना कुछ करना पड़ता है. करीब 20 साल पहले भारत-ए टीम के इंग्लैंड दौरे के दौरान उन्होंने मेरा ध्यान आकर्षित किया था, जब उनके लगातार रन बनाने से पता चला कि वे अगले पड़ाव के लिए तैयार हैं। चयनकर्ताओं ने भी सहमति जताई और डेब्यू टेस्ट मैच की दूसरी पारी में उन्होंने 72 रन बनाए। उसके बाद एक-दो असफलताओं के बावजू वो तीसरे नंबर पर भारत के मिस्टर भरोसेमंद बन गए। ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर उनकी बहुत कमी खली. ऑल द बेस्ट, चेतेश्वर पुजारा, वर्षों तक भारतीय क्रिकेट की सेवा करने के लिए आपका धन्यवाद।'
बता दें 37 वर्षीय पुजारा ने अपने सोशल मीडिया मंच पर अपने संन्यास की घोषणा करते हुए लिखा, “भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान गाना और हर बार मैदान पर कदम रखते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करना - इसका असली मतलब शब्दों में बयां करना नामुमकिन है। लेकिन जैसा कि कहते हैं, हर अच्छी चीज का अंत होना ही चाहिए और अपार कृतज्ञता के साथ मैंने भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का निर्णय लिया है। आपके प्यार और समर्थन के लिए शुक्रिया।”
पुजारा ने आगे लिखा, “राजकोट के छोटे से कस्बे से आने वाले एक छोटे से लड़के के रूप में, अपने माता-पिता के साथ, मैंने सितारों को निशाना बनाने का लक्ष्य रखा था और भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने का सपना देखा था। मुझे तब अंदाजा भी नहीं था कि यह खेल मुझे इतना कुछ देगा अमूल्य अवसर, अनुभव, उद्देश्य, प्यार, और सबसे बढ़कर अपने राज्य और इस महान राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका।”
उन्होंने कहा, “मैं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन को मेरे क्रिकेट करियर के दौरान मिले अवसर और समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं उन सभी टीमों, फ्रैचाइजियों और काउंटी टीमों का भी आभारी हूं जिनका मैं इतने वर्षों तक प्रतिनिधित्व कर पाया।”
उन्होंने कहा, “खेल ने मुझे दुनिया भर में पहुंचाया है और प्रशंसकों का जोशीला समर्थन और ऊर्जा हमेशा बनी रही है। जहां भी मैंने खेला है, वहां से मिली शुभकामनाओं और प्रेरणा से मैं अभिभूत हूं और हमेशा आभारी रहूंगा।”
पुजारा ने अक्तूबर 2010 में शुरू हुए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 103 टेस्ट और पांच एकदिवसीय मैच खेले। लाल गेंद के प्रारूप में ही वह अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में थे, जिसमें उन्होंने 43.60 की औसत से 7195 टेस्ट रन बनाए, जिनमें से अधिकांश रन उन्होंने नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए बनाए।
पुजारा ने दिसंबर 2005 में सौराष्ट्र के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया और इस साल की शुरुआत में, पिछले रणजी ट्रॉफी सीजन में भी उनके लिए खेले। उन्होंने 2010 के अंत में बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और उनके खिलाफ कई सीरीज जीत का हिस्सा रहे, विशेषकर 2018-19 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में, और 2023 की शुरुआत में घरेलू मैदान पर। वह 2018-19 श्रृंखला में चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 521 रन बनाकर प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे, जो ऑस्ट्रेलियाई धरती पर भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत थी।
पुजारा पिछले 15 वर्षों में उन कुछ खिलाड़ियों में से एक थे जिन्होंने नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला, लेकिन ज्यादातर टेस्ट मैच खेले, जबकि दुनिया भर में टी-20 लीग और आईपीएल की बढ़ती लोकप्रियता के साथ सफेद गेंद वाले क्रिकेट ने महत्व हासिल करना शुरू कर दिया था। पुजारा ने अगस्त 2013 से जून 2014 तक पांच एकदिवसीय मैच खेले। आईपीएल में उन्होंने तीन टीमों कोलकाता नाइटराइडर्स (2010), रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (2011 से 2013) और किंग्स इलेवन पंजाब (2014) के लिए खेला। वह 2021 में चेन्नई सुपर किंग्स का भी हिस्सा थे, लेकिन उस साल उन्हें एक भी मैच खेलने का अवसर नहीं मिला। घरेलू स्तर में, उन्होंने आखिरी बार दिसंबर 2023 में 50 ओवर का मैच और नवंबर 2022 में एक टी-20 मैच खेला था।
Published on:
25 Aug 2025 08:06 am
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