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बचपन में करते थे स्केट बॉर्डिंग
डेल स्टेन बचपन में स्केट बॉर्डिंग किया करते थे। लेकिन जब वह बड़े शहर प्रीटोरिया में रहने लगे तो उनका झुकाव क्रिकेट की तरफ हुआ। साल 2004 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। इससे पहले उन्होंने केवल 7 फर्स्ट क्लास मैच खेले थे। डेल स्टेन के साथ ही एबी डिविलियर्स ने डेब्यू किया था। हालांकि स्टेन की शुरुआत इतनी अच्छी नहीं रही थी उन्हें जल्द ही टीम से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद वह इंग्लिश काउंटी टीम एसेक्स की डिवीजन 2 टीम में खेलने लगे।
कीवी गेंदबाज को पहुंचा दिया था आईसीयू में
2006—07 में न्यूजीलैंड के खिलाफ स्टेन ने वापसी की। इसमें 16 विकेट लिए। लेकिन उनके लिए निर्णायक सीरीज 2007—08 न्यूजीलैंड के खिलाफ ही रही। इस सीरीज में उन्होंने 10 विकेट चटकाए थे। फिर अगले टेस्ट में उनकी एक शॉर्ट गेंद ने कीवी बल्लेबाज क्रेग कमिंग को आईसीयू में पहुंचा दिया था। 2008 में स्टेन दक्षिण अफ्रीका की ओर से सबसे तेज 100 टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। उन्होंने 14 मैच में 18.10 की औसत से 86 विकेट लिए और उन्हें आईसीसी प्लेयर ऑफ दी ईयर चुने गए।
चोटों से परेशान रहे डेल स्टेन
डेल स्टेन उम्र बढ़ने के साथ-साथ चोटों से परेशान रहने लगे। 2013 में पहले ग्रोइन फिर साइड स्ट्रेन और 2014 में पसली में फ्रेक्चर हुआ। फिर एक साल के अंदर तीन बार हैमस्ट्रिंग स्ट्रेन झेला। हालांकि इस दौरान उन्होंने सबसे तेज 400 टेस्ट विकेट लेने में रिचर्ड हैडली की बराबरी की। उन्होंने 93 टेस्ट में 439, 125 वनडे में 196 और 47 टी20 मुकाबलों में 64 विकेट निकाले हैं।
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वर्ल्ड कप में हताश होकर लेट गए थे क्रीज पर
वर्ष 2015 का वर्ल्ड कप डेल स्टेन के लिए किसी सदमे से कम नहीं था। वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी ओवर डालने का जिम्मा उन्हीं पर था। लेकिन ओवर की पांच गेंद पर ग्रांट इलियट ने SIX जड़ दिया और प्रोटीयाज टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई। इसके साथ ही वर्ल्ड कप का सपना फिर से अधूरा रह गया। SIX लगने के बाद स्टेन पिच पर ही लेट गए थे। वे सदमे में चले गए थे।