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अगर टीम इंडिया नहीं जीती दूसरा टेस्ट तो दुनिया कभी नहीं भूलेगी शुभमन गिल की ये गलती

बर्मिंघम में भारतीय बल्लेबाजों ने 1000 से ज्यादा रन बनाए। इससे में शुभमन गिल का एक दोहरा शतक और एक शतक, रवींद्र जडेजा के दो अर्धशतक, यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल और ऋषभ पंत ने एक एक अर्धशतक लगाया।

Team India vs ENgland (Photo-BCCI)
Team India vs ENgland (Photo-BCCI)

ENG vs IND: शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारतीय टेस्ट टीम को डर लगता है। यह हम नहीं भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों का कहना है। टीम इंडिया ने बर्मिंघम में 1000 से ज्यादा रन बनाने के बावजूद दूसरी पारी घोषित करने में देरी कर दी। शुभमन गिल दूसरी पारी में 161 रन पर आउट हुए, तब से ये सवाल उठने लगा कि भारत की पारी को डिक्लियर क्यों नहीं किया जा रहा है। कमेंट्री कर रहे दिग्गज क्रिकेटर्स के मन में ये सवाल आया कि क्या ये यंग इंडिया डरती है। शायद डर की वजह यह है कि टीम इंडिया के खिलाफ इसी इंग्लैंड ने सीरीज के पहले मैच में 371 रन चेज कर डाला था। इंग्लैंड ने सिर्फ 5 विकेट गंवाकर यह लक्ष्य हासिल किया था।

हालांकि 400 का लक्ष्य हर मैच में चेज नहीं होता और इस बार तो भारतीय टीम 500 से ज्यादा की बढ़त हासिल कर चुकी थी। जिस तरह से ये पिच अब तक खेली है और भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन रहा है, उसे देखते हुए एक दिन में इंग्लैंड की टीम को आउट करना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में टीम इंडिया को 500 रन की बढ़त हासिल करने के बाद तुरंत पारी घोषित कर देनी चाहिए थे। हालांकि शुभमन गिल उस समय भी क्रीज पर थे और उन्होंने ऐसा नहीं किया। गिल दूसरी पारी में 161 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने इस मैच में अकेले 430 रन कूट दिए। गिल ने पहली पारी में दोहरा शतक और दूसरी पारी में शतक जड़ा। इसके अलावा रवींद्र जडेजा ने दो अर्धशतक, यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल और ऋषभ पंत ने एक एक अर्धशतक लगाया।

गिल ने फिर की गलती

इसके बावजूद शुभमन गिल ने 6-7 रन की बढ़त हासिल करने के बाद पारी घोषित की। टीम इंडिया यह काम 500 रन का लीड लेने के बाद ही कर सकती थी लेकिन कहीं न कहीं उनके मन में पहले मैच की तस्वीर झलक रही होगी। जहां इंग्लैंड ने 371 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया था। हालांकि उस मैच में फील्डर के अलावा कप्तानी में भी काफी गलतियां हुई थीं। फील्ड में कैच तो छूटे ही साथ में गिल से जिस तरह की आक्रामक फील्ड लगाने की उम्मीद की जा रही थी वह भी देखने को नहीं मिली। पहले टेस्ट में हार की वजह न सिर्फ गेंदबाजों की असफलता, बल्कि रणनीति में भी कमी नजर आई।

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