26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पूर्व चयनकर्ता संजय जगदाले ने किया महेंद्र सिंह धोनी का समर्थन

पूर्व चयनकर्ता संजय जगदाले ने ( Sanjay Jagdale ) महेंद्र सिंह धोनी ( Mahendra singh Dhoni ) पर धीमी बल्लेबाजी का आरोप लगाने वाले पर निशाना साधा है।

2 min read
Google source verification
Mahendra singh Dhoni

नई दिल्ली। क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 के बाद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी महेंद्र सिंह धोनी ( Mahendra Singh Dhoni ) के संन्यास की अटकलें लगाई जा रही थी। धोनी ने 2019 के वर्ल्ड कप में खेलने की इच्छा जताई थी। रविवार को वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया का चयन होना है। इससे पहले धोनी ने बीसीसीआई को जानकारी दी कि वो दो महीने के लिए क्रिकेट से दूर रहेंगे। और वो दो महीने तक पैरामिलिट्री रेजीमेंट शामिल रहेंगे। इससे साथ ही अब धोनी टीम के साथ वेस्टइंडीज के दौरे पर भी नहीं जा सकेंगे।

बांग्लादेश के खिलाफ 3 वनडे मैचों की मेजबानी करेगा श्रीलंका, 22 सदस्यीय टीम का हुआ ऐलान

टीम इंडिया में धोनी का रिप्लेसमेंट नहीं

महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर से लेकर गौतम गंभीर तक कई पूर्व खिलाड़ी वर्ल्ड कप 2019 में धोनी की धीमी बल्लेबाजी को लेकर सवाल उठा चुके हैं। आलोचनाओं से घिरे पूर्व कप्तान धोनी का पूर्व चयनकर्ता संजय जगदाले ( sanjay jagdale ) ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम में अभी ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है जो धोनी की कमी को पूरा कर सके। ये धोनी को तय करना है कि उन्हें संन्यास लेना है या अभी और खेलना है।

आईसीसी के एक फैसले ने एक झटके में दो दर्जन क्रिकेटरों को ला दिया सड़क पर, सैकड़ों लोग होंगे बेरोजगार

महेंद्र सिंह धोनी से बात करें चयनकर्ता

धीमी बल्लेबाजी को लेकर धोनी की आलोचना करने वालों पर पूर्व चयनकर्ता संजय जगदाले जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि अपने करियर में फ्लॉप रहे लोग भी आज धोनी पर सवाल उठा रहे हैं। जगदाले ने आगे कहा कि धोनी निस्वार्थ भाव से देश के लिए खेलते हैं। पूर्व चयनकर्ता ने कहा कि चयनकर्ताओं को सचिन तेंदुलकर की तरह ही एक बार धोनी से भी बात करनी चाहिए। और भविष्य को लेकर उनकी राय लेनी चाहिए।

धोनी ने टीम की जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी की

संजय जगदाले ने विश्व कप के दौरान धोनी पर लगे धीमी बल्लेबाजी के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड कप के सभी मैचों में धोनी ने मौके की नजाकत को समझते हुए बल्लेबाजी की। सेमीफाइनल में धोनी टीम की जरूरत के हिसाब से विकेट पर टिककर खेल रहे थे। टीम इंडिया की रणनीति थी कि एक खिलाड़ी आक्रामक खेलेगा जबकि दूसरा खिलाड़ी विकेट रोकने का काम करेगा। ये धोनी का दुर्भाग्य था वो मार्टिन गप्टिल के एक सीधे थ्रो पर रनआउट हो गए।