Dilip Doshi Passes Away: भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स में खेले जा रहे पहले टेस्ट के बीच बेहद दुखद खबर सामने आई है। भारतीय दिग्गज स्पिनर रहे दिलीप दोशी का लंदन में निधन हो गया है। उन्होंने 77 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है। उनके निधन से खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके निधन पर बीसीसीआई समेत कई खेल हस्तियों ने दुख जताते हुए अपनी संवेदना व्यक्त की है। वहीं, सचिन तेंदुलकर ने दोशी से मुलाकात का जिक्र करते हुए उन्हें याद किया है। पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर ने 33 टेस्ट और 15 वनडे में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वह अपने पीछे पत्नी कालिंदी, बेटा नयन और बेटी विशाखा को छोड़ गए हैं।
सर गारफील्ड सोबर्स ने एक बार दिलीप दोषी को लेकर कहा था कि दोषी के पास उन लोगों को देने के लिए अपार ज्ञान है, जो पेशेवर क्रिकेट में उनके रास्ते पर चलना चाहते हैं। उन्होंने दुनिया भर में सभी स्तरों पर क्रिकेट खेला है और स्पिन गेंदबाजी की कला के बारे में बात करने के लिए उनसे अधिक योग्य कोई नहीं हो सकता।
महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने उनके निधन पर कहा कि मैं दिलीप भाई से पहली बार 1990 में यूके में मिला था और उस दौरे पर उन्होंने नेट्स में मेरे लिए गेंदबाजी की थी। वह वास्तव में मुझसे बहुत प्यार करते थे और मैंने भी उनकी भावनाओं का जवाब दिया। दिलीप भाई जैसे गर्मजोशी से भरे व्यक्ति की बहुत याद आएगी। मैं उन क्रिकेट संबंधी बातचीत को बहुत याद करूंगा जो हम हमेशा किया करते थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
बीसीसीआई के पूर्व सचिव निरंजन शाह ने दुख व्यक्त किया। दोषी के एक करीबी सहयोगी शाह ने कहा कि ये मेरे लिए बेहद दर्दनाक और व्यक्तिगत क्षति है। दिलीप न केवल महान क्रिकेटरों में से एक थे, बल्कि सबसे बेहतरीन इंसानों में से एक थे। उनके नेक दिल, ईमानदारी और खेल के प्रति अमूल्य समर्पण ने उन्हें वास्तव में खास बना दिया।
सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जयदेव शाह ने कहा कि दोषी उनके लिए चाचा की तरह थे। उनका निधन क्रिकेट जगत के लिए और हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिन्हें उन्हें जानने का सम्मान मिला। एक खिलाड़ी और एक व्यक्ति के रूप में उनकी विरासत हमारे दिलों में और क्रिकेट के इतिहास में हमेशा ज़िंदा रहेगी। यह मेरे लिए एक बेहद दर्दनाक और व्यक्तिगत क्षति है। वह सिर्फ़ एक महान क्रिकेटर ही नहीं थे- वह मेरे चाचा, मेरे गुरु और एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें मैंने जीवन भर देखा।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देर से उभरने वाले दोशी ने 1979-83 के बीच भारत के लिए खेला। उन्होंने 32 वर्ष की आयु में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था। उन्होंने भारत के लिए सबसे लंबे फॉर्मेट में अपने 33 मैचों में छह बार पांच विकेट हॉल के साथ कुल 114 विकेट लिए। वहीं, अपने 15 एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 22 विकेट चटकाए।
वहीं, 1968-69 के सत्र में घरेलू क्रिकेट में डेब्यू करने वाले दोशी ने 1986 में संन्यास लेने तक 238 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 43 बार पांच विकेट लेने के साथ 898 विकेट अपने नाम किए। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में छह बार 10 विकेट भी लिए। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में बंगाल और सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया।
Updated on:
24 Jun 2025 10:49 am
Published on:
24 Jun 2025 07:20 am