
भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर। (फोटो सोर्स: ANI)
Gautam Gambhir: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया टी20 सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों में अर्शदीप सिंह को नजरअंदाज कर हर्षित राणा को मौके दिए गए। इसको लेकर हेड कोच गौतम गंभीर की जमकर आलोचना हुई। गंभीर ने टी20 सीरीज के दौरान प्रमुख खिलाड़ियों अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव को बेंच पर बैठाने के अपने फैसले पर अब खुलकर बात की है। बीसीसीआई के साथ एक वीडियो इंटरव्यू में गंभीर ने टीम संयोजन को संतुलित करने, उम्मीदों को संभालने और पारदर्शी संवाद सुनिश्चित करने की चुनौतियों पर चर्चा की। खासकर जब फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा जाता है।
हर्षित राणा को मौका देने के लिए भारत के सबसे ज़्यादा टी20 विकेट लेने वाले अर्शदीप सिंह को पहले दो मैचों के लिए आराम देने के गंभीर के फैसले की व्यापक आलोचना हुई। अर्शदीप ने तीसरे टी20 में मौका मिलते ही तीन विकेट चटकाए और प्लेयर ऑफ द मैच भी बने। इसके बाद चौथे मैच में 22 रन देकर 1 विकेट लिया। इस तरह के फैसलों की कठिनाई को स्वीकार करते हुए गंभीर ने कहा कि योग्य खिलाड़ियों को बाहर रखना उनके काम के सबसे कठिन हिस्सों में से एक है।
गंभीर ने कहा कि एक कोच के तौर पर मेरे लिए यही सबसे मुश्किल काम है। कभी-कभी जब मुझे पता होता है कि बेंच पर इतने अच्छे खिलाड़ी बैठे हैं और मुझे पता है कि हर कोई प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनने का हकदार है। आप यह सोचकर कि उस दिन काम करने के लिए सबसे अच्छा संयोजन क्या है? तो आप केवल 11 ही चुन सकते हैं। इस दौरान उन्होंने टीम के भीतर खुले संवाद और ईमानदारी के महत्व पर भी जोर दिया।
बता दें कि अर्शदीप सिंह ही नहीं कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें मौके नहीं मिल पा रहे हैं। इन्हीं में से एक भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भी हैं, जो चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से बाहर चल रहे हैं। हाल ही में घरेलू क्रिकेट में उन्होंने बंगाल के लिए शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी उनको नजरअंदाज कर दिया गया है। उनको लेकर भी चयनकर्ताओं की आलोचना हो रही है।
Updated on:
11 Nov 2025 09:02 am
Published on:
11 Nov 2025 09:01 am
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