खेल सचिव राधे श्याम जुलानिया ने कहा कि अगर ऐसा लगता है कि इस आयोजन को टाला नहीं जा सकता तो आयोजकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इसमें दर्शक न आ पाएं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में बीसीसीआई समेत सभी खेल संघों से कहा गया है कि वह स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। इसके अलावा हमने उन्हें किसी भी सार्वजनिक सभा से बचने के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकारों पर है, जन्हें दर्शकों का प्रबंधन करना है। उनके पास महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत यह शक्ति प्राप्त है।
खेल मंत्रालय के इस दिशा-निर्देश के बाद जब इस पर एक बीसीसीआई अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी सरकार के फैसले का पालन करने की जरूरत है। अधिकारी ने कहा कि बीसीसीआई खेल, अपने खिलाड़ियों, प्रशंसकों और लीग के हित में सर्वश्रेष्ठ कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं। इस स्थिति पर बोर्ड का नियंत्रण नहीं है। बता दें कि शनिवार को आईपीएल कार्यकारी परिषद की मुंबई में बैठक होनी है। इस बैठक में परिषद को केंद्र सरकार की ओर से जारी निर्देशों को ध्यान में रखते हुए एक फैसला करना है।”
15 अप्रैल तक विदेशी खिलाड़ियों पर रोक
इस बीच भारत सरकार ने फैसला लिया है कि कुछ अधिकारी कैटेगरी के वीजा को छोड़कर भारत आने के लिए किसी को भी 15 अप्रैल तक वीजा नहीं दिया जाएगा। तत्काल प्रभाव से सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं। इसके बाद यह तय हो गया है कि अगर आईपीएल का आयोजन होता भी है तो 15 अप्रैल तक बिना विदेशी खिलाड़ियों के ही आईपीएल का 13वां संस्करण खेला जाएगा।