
Happy Birthday Harbhajan Singh
नई दिल्ली : 'टर्बनेटर' नाम से मशहूर टीम इंडिया (Team India) के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) की गिनती भारत के चुनिंदा स्पिन गेंदबाजों में होती है। अनिल कुंबले (Anil Kumble) के साथ उन्होंने बेहद खतरनाक जोड़ी बनाई थी। आज उनका जन्मदिन (Happy Birthday Harbhajan Singh) है। 3 जुलाई 1980 को जालंधर में जन्मे हरभजन सिंह 2001 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन कर स्टार बन गए थे। बात उसी ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट की हो रही है, जिसमें फॉलोआन के बाद वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के दोहरे शतक के बाद हरभजन सिंह ने हैट्रिक लेकर ऑस्ट्रेलिया का 16 टेस्ट से चले आ रहे लगातार जीत के सिलसिले को रोक दिया था।
एक सीरीज से बने रिकॉर्ड
2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज ने हरभजन सिंह स्टार बना दिया। इस सीरीज में उन्होंने वह कारनामा किया, जो उनसे पहले कोई नहीं कर सका था। लगातार 15 टेस्ट में जीत के शानदार ट्रैक रिकॉर्ड के साथ ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत आई थी। लंबे समय से उपेक्षित चल रहे हरभजन सिंह को इस सीरीज में टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की सिफारिश पर शामिल किया गया था। उनका प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा था। इस कारण चयनकर्ता हरभजन सिंह की जगह शरणदीप सिंह (Sharandeep Singh) को मौके दे रहा था। बता दें कि इस सीरीज के लिए अनिल कुंबले (Anil Kumble) भी उपलब्ध नहीं थे। लेकिन इस सीरीज में तो हरभजन सिंह ने कमाल ही कर दिया।
टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने
तीन टेस्ट की सीरीज का पहला टेस्ट मुंबई में खेला गया था। इस मैच को कंगारुओं ने महज तीन दिन में 10 विकेट से जीत लिया। हालांकि इस टेस्ट में भी भज्जी का प्रदर्शन ठीक ही रहा था। उन्होंने चार विकेट हासिल किए थे। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया का अपराजेय क्रम लगातार 16 जीतों तक पहुंच गया था। इसके बाद खेला कोलकाता के ईडेन गार्डेन पर खेला वह ऐतिहासिक मुकाबला, जिसे क्रिकेट प्रेमी आज भी याद करते हैं। इस टेस्ट मैच से ही 'टर्बनेटर' (Turbanator) स्टार बन गए। उन्होंने अपनी घूमती गेंदों पर कंगारुओं को नचा कर रख दिया था। उन्होंने इस मैच में हैट्रिक समेत दोनों पारियों को मिलाकर कुल 13 विकेट लिए थे। इसी के साथ न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया का विजय रथ रुक गया, बल्कि हरभजन भारत के पहले गेंदबाज बने, जिन्होंने हैट्रिक लिया। कोलकाता जीत के साथ सीरीज 1-1 की बराबरी पर आ गई थी। अंतिम और निर्णायक मुकाबला चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेला गया। इसमें तो हरभजन ने कमाल ही कर दिया। पहली पारी में सात और दूसरी पारी में आठ विकेट लेकर भारत को सीरीज में 2-1 से जीत दिला दी।
इसी के साथ टीम इंडिया में बनाई स्थायी जगह
आखिरी टेस्ट में 15 विकेट लेने के साथ हरभजन सिंह ने 'मैन ऑफ द मैच' (Man of the Match) का खिताब भी जीता। इसके साथ ही सीरीज में हैट्रिक समेत 32 विकेट लेने के साथ सीरीज में निर्णायक भूमिका निभाने के कारण उन्हें 'मैन ऑफ द सीरीज' (Man of the Series) का खिताब मिला। इस सीरीज के बाद हरभजन सिंह ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब से लेकर अब तक वह कुल 103 टेस्ट मैच खेल चुके हैं। इनमें उन्होंने 417 विकेट लिए हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने समय-समय पर बल्लेबाजी भी अच्छी की है। बतौर बल्लेबाज दो शतक और नौ अर्धशतक की मदद से भज्जी ने 2225 रन बनाए हैं। वनडे में उनके नाम 236 मैचों में 269 विकेट दर्ज हैं तो वहीं 28 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 25 विकेट लिए हैं।
दो विश्व कप भी है भज्जी के नाम
हरभजन सिंह ने 1998 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। वह दो विश्व कप विजेता भारतीय टीम के हिस्सा रहे हैं। 2007 में जब महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के नेतृत्व में टीम इंडिया ने पहला टी-20 विश्व कप (T20 World Cup 2007) जीता था, तब हरभजन उसके अहम सदस्य थे। वहीं 2011 आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप (ODI World Cup 2011) विजेता टीम में भी यह स्टार ऑफ स्पिनर शामिल था।
Updated on:
03 Jul 2020 01:54 pm
Published on:
03 Jul 2020 01:53 pm
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