बता दें कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम 2017 में एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में पहली बार पहुंची थी। इसके बाद इस साल ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी-20 विश्व कप के फाइनल में हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में पहुंची, लेकिन फाइनल में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली थी। इसका कारण बताते हुए हरमनप्रीत ने कहा कि भारतीय घरेलू ढांचा कमजोर है। उन्होंने कहा कि हमारा घरेलू ढांचा ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम से पांच-छह साल पीछे है।
आई है भारतीय खिलाड़ियों में जागरूकता
हालांकि भारतीय कप्तान ने यह भी कहा कि भारतीय खिलाड़ियों में पिछले तीन सालों में काफी जागरूकता आई है। हमारी खिलाड़ी पिछले तीन साल से फिटनेस पर ध्यान दे रही हैं और उन्हें इसकी जरूरत का अहसास हो गया है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को मिलने वाले सालाना अनुबंध और बेहतर सुविधाओं के कारण हमारे खिलाड़ियों में जागरूकता बढ़ी है।
हरमनप्रीत ने कहा कि पहले घरेलू खिलाड़ियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाली खिलाड़ियों के प्रदर्शन में काफी अंतर रहता था, लेकिन अब वह घटा है। इसमें बीसीसीआई की ओर से महिला खिलाड़ियों के लिए अलग चलाए जा रहे कार्यक्रम ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह बस फिटनेस की बात है। वर्ना हमारी खिलाड़ियों में प्रतिभा और तकनीक की कमी नहीं है। इस मामले में इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया की टीम की खिलाड़ियों से ज्यादा का अंतर नहीं हैं।
लॉकडाउन में ऐसे बिता रही है समय
कोरोना वायरस के कारण पूरे भारत में लॉकडाउन में हरमनप्रीत कौर भी इन दिनों अपने घर पर वक्त बिता रही हैं। इस समय का सदुपयोग वह किचन में कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने खाना बनाती अपनी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी। इसमें उन्होंने लिखा था, ‘जिंदगी में कुछ फ्लेवर मिलाते हुए।’ बता दें कि इस बार हरमनप्रीत कौर और बाकी महिला क्रिकेटर भी आईपीएल के दौरान होने वाले टी-20 महिला चैलेंज को लेकर उत्साहित थीं। बीसीसीआई ने इस बार इसमें पिछली बार के मुकाबले एक टीम टीम बढ़ा दी थी, लेकिन आईपीएल के साथ-साथ कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर इसका भविष्य भी अधर में लटक गया है।