2004 में बने थे सहवाग मुल्तान के सुल्तान
टीम इंडिया 2004 में मुल्तान में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट खेल रही थी। इसी टेस्ट में सहवाग ने छक्के से अपना तिहरा शतक पूरा किया था। इसके बाद तो सहवाग को मुल्तान का सुल्तान ही कहा जाने लगा। इस मैच में 2004 से लेकर 2008 तक लगातार पांच बार आईसीसी अंपायर आफ द ईयर खिताब जीतने वाले टॉफेल मैदानी अंपायरों में शामिल थे। इस मैच में दूसरे अंपायर इंग्लैंड के डेविड शेफर्ड थे और मैच रेफरी श्रीलंका के रंजन मदुगले।
मुल्तान टेस्ट का हिस्सा होना मेरा सौभाग्य : टॉफेल
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साइमन टॉफेल ने कहा कि वह खुशकिस्मत थे कि उन्हें मुल्तान टेस्ट में अंपायरिंग करने का मौका मिला। इसके अलावा सहवाग की जिंदादिली की तारीफ करते हुए कहा कि उनके जैसे खिलाड़ियों के साथ अंपायरिंग करने में खूब मजा आता था। टॉफेल बोले, सहवाग ऐसे खिलाड़ी थे, जो 300 रन भी बना सकते थे और और शून्य पर भी आउट हो सकते थे। उनका टेम्परामेंट शानदार था। क्षेत्ररक्षण के दौरान वह उनके पास ही स्क्वायर लेग पर मेरे साथ खड़े होते थे। सहवाग को किसी बात पर हैरान करना आसान नहीं है। वह हमेशा अपनी हाजिरजवाबी से पलटवार करते थे। उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा कि वैसे तो उन्हें याद नहीं है, लेकिन सहवाग के तिहरे शतक पूरा करने के लिए उनके मारे गए छक्के में उनका सिक्स के लिए दिया गया सिग्नल भी जिम्मेदार था।
साइमन टॉफेल ने बताया कि इस मैच में सौरव गांगुली की जगह राहुल द्रविड़ कप्तानी कर रहे थे। गांगुली की कमर में चोट थी। वह इस मैच में खेलने नहीं उतरे थे। इस टेस्ट में भारत ने पारी और 52 रन से जीत हासिल कर सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई थी। इस मैच में सहवाग ने 375 गेंद पर 309 रन बनाए थे। बता दें कि यह वही टेस्ट था, जिसमें सचिन तेंदुलकर जब 194 रन पर नाबाद थे, तब द्रविड़ ने पांच विकेट पर 675 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी। इस कारण द्रविड़ की काफी आलोचना भी हुई थी।