
White Blazer in Champins Trophy: आईसीसी मेंस चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताबी मुकाबला रविवार, 9 मार्च को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया। खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया ने टॉस गंवा दिया लेकिन न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया। इस जीत के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने ट्रॉफी तो उठाया ही, साथ ही सफेद ब्लेजर पर भी कब्जा जमाया। टीम इंडिया ने 3 बार खिताब जीता है लेकिन भारतीय टीम के खिलाड़ियों को सिर्फ 2 बार ही ये सफेद ब्लेजर मिली है।
दुबई में बाद में बल्लेबाज करना हर टीम के लिए खतरा माना जा रहा था और न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के फैसले से टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ा दी। रचिन रविंद्र और डेरिल मिचेल के बाद माइकल ब्रेसवेल की तूफानी पारी की बदौलत न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में 251 रन बनाए। 20265 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को रोहित शर्मा ने धमाकेदार शुरुआत दी लेकिन शुभमन गिल और विराट कोहली के सस्ते में आउट होने की वजह से मैच फिर बराबरी पर आ गया। हालांकि श्रेयस अय्यर, केएल राहुल और आखिरी में हार्दिक पंड्या की तूफानी पारी ने भारत को एक ओवर पहली ही जीत दिला दी।
चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता टीम को सफेद ब्लेजर मोमेंटो के रूप में मिलती है। आईसीसी इसे महानता और दृढ संकल्प का प्रतीक बताया है। सफेद ब्लेजर को गौरव दर्शाने के लिए बनाई गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य जीतने वाली टीम को एक खास पहचान देना था, जो अन्य ICC टूर्नामेंट्स से अलग हो। सफेद रंग को शुद्धता, उत्कृष्टता और विशिष्टता का प्रतीक माना जाता है, और इसे पहनना गर्व की बात होती है।
चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत 1998 में हुई थी लेकिन सफेद ब्लेजर देने की शुरुआत साल 2009 से हुई, जब ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर खिताब जीता। उसके बाद से भारत ने 2013, पाकिस्तान ने 2017 और फिर टीम इंडिया ने 2024 में यह उपलब्धि हासिल की। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने 2006, वेस्टइंडीज ने 2004, भारत और श्रीलंका ने संयुक्त विजेता के रूप में 2002, न्यूजीलैंड ने 2000 और साउथ अफ्रीका ने 1998 का खिताब जीता था लेकिन तब यह सफेद ब्लेजर नहीं दी जाती थी।
Published on:
11 Mar 2025 07:24 pm
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