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रूट को था एंडनसन पर भरोसा
रूट का निर्णय डिफेंसिव था। उन्होंने जेम्स एंडरसन पर ओवरकास्ट वातावरण में भरोसा जताया लेकिन उनकी बल्लेबाजों पर भरोसे की कमी ने भारतीय आक्रमण को आगे बढ़ने का मौका दिया। चोट के कारण इस मैच में स्टुअर्ट ब्रॉड नहीं खेल सके। उनकी जगह मार्क वुड को लाया गया जो टीम के फिलहाल तेज गेंदबाज हैं लेकिन वह अब तक विकेट नहीं ले सके।
ओली रॉबिंसन भी नहीं दे सकते शुरुआती झटके
ओली रॉबिंसन नॉटिंघम में हुए पहले टेस्ट में काफी सफल रहे थे, लेकिन इस मैच में वह भारतीय टीम को झटका देने में विफल रहे हैं। सैम कुरेन को इस मैच में लिया गया जो गेंद को स्विंग करा सकते हैं लेकिन तेजी की कमी के कारण वह असफल रहे।
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शतक बनाने से चूके रोहित
रोहित ने भले ही अच्छी पारी खेली लेकिन वह शतक बनाने से चूक गए और 83 रन बनाकर आउट हुए। उन्हें एंडरसन ने आउट किया। भारत के लिए इंग्लैंड में विजय मर्चेट और सैयद मुश्ताक अली ने 1936 में मैनचेस्टर टेस्ट में जोड़े 203 रन अभी भी सर्वाधिक साझेदारी है।