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‘प्लेयर ऑफ द मैच’ लेने पहुंचे अर्शदीप सिंह का छलका दर्द, बताया कमबैक करने के लिए क्या किया

मुल्लांपुर में खेले गए टी20 सीरीज के दूसरे मुकाबले में अर्शदीप सिंह ने अनचाहा रिकॉर्ड अपने नाम किया। तीसरे टी20 में उन्होंने शानदार वापसी की और प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता।

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Arshdeep Singh

अर्शदीप सिंह (फोटो- IANS)

IND vs SA 3rd T20: फर्श से अर्श तक का सफर कैसे तय होता है, यह अर्शदीप सिंह से बेहतर शायद ही कोई क्रिकेटर बता पाए। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेली जा रही 5 टी20 मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले में जब वह अपना तीसरा ओवर डालने आए, तब उन्होंने अनचाहा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। वह भी उसी वेन्यू पर, जहां उनके अपने शहर के फैंस उन्हें देखने आए थे। अर्शदीप सिंह ने 13 गेंदों वाला एक ओवर डाला। टीम इंडिया मुकाबला हार गई। सोशल मीडिया पर अर्शदीप सिंह को काफी ट्रोल किया गया। टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने भी अपना धैर्य खो दिया। लेकिन अर्शदीप सिंह ने अगले ही मैच में साबित कर दिया कि हर अच्छे क्रिकेटर का एक बुरा दिन आता है।

तीसरे मैच में छा गए अर्शदीप

तीसरे टी20 मुकाबले में इस गेंदबाज ने पहले ओवर से ही कहर बरपाना शुरू कर दिया। मैच की तीसरी गेंद पर उन्होंने रीजा हेनरिक्स को आउट कर दिया। इसके बाद अर्शदीप सिंह ने साउथ अफ्रीका के कप्तान एडेन मार्करम को भी आउट किया, जो टीम के हाई स्कोरर थे। अर्शदीप ने 4 ओवर में सिर्फ 13 रन खर्च किए और 2 विकेट अपने नाम किए। दूसरे टी20 में एक ओवर में 13 गेंद फेंकने वाले इस गेंदबाज ने अगले ही मुकाबले में 24 गेंद फेंकने के बाद सिर्फ 13 रन दिए और मैच के सबसे बड़े हीरो साबित हुए। हालांकि कहीं न कहीं 13 गेंदों वाले ओवर की वजह से उनके साथ जो कुछ भी हुआ, उसकी कसक रह गई थी और जब वह प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार लेने पहुंचे, तो वह दर्द भी छलक पड़ा।

अर्शदीप सिंह ने कहा, “जब मैं ग्राउंड पर आया, तो सब मुझसे कह रहे थे कि यह भी तुम्हारा होम ग्राउंड है। तो सबसे पहले मैंने उनसे कहा, नहीं, यह मेरा होम ग्राउंड नहीं है। उसके बाद मैंने बस बेसिक्स पर ध्यान दिया, बेसिक्स सही किए और अपनी स्किल्स पर भरोसा किया। जब आप इस लेवल पर खेलते हैं, तो कुछ दिन ऐसे होते हैं जब आप वो चीजें नहीं कर पाते, जो आप करना चाहते हैं। पिछला मैच एक खराब दिन था, इसलिए इस मैच में अच्छी बॉलिंग करके अच्छा लग रहा है। मैंने बस बॉल को सही जगह पर पिच किया और विकेट से जितनी हो सके उतनी मदद लेने की कोशिश की। विकेट में थोड़ी मदद थी, मौसम भी ठंडा था, इसलिए काफी स्विंग और सीम मिल रही थी। मैंने बस इसे सिंपल रखने की कोशिश की, सही जगहों पर बॉल डाली और मुझे उसका इनाम मिला।”

मैच की पहली विकेट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “सूर्या भाई थोड़ा सस्पेंस बनाना चाहते थे। जैसे ही बॉल पैड पर लगी, मुझे पता था कि वह आउट है। जब मुझे जितेश से भी अप्रूवल मिल गया, तो हमें पता था कि हम रिव्यू लेने वाले हैं। वह बस थोड़ा इंतजार करना चाहते थे, थोड़ी बात करना चाहते थे और फिर रिव्यू लेना चाहते थे। एक बॉलर के तौर पर आप हर मुमकिन रिव्यू लेना चाहते हैं। मुझे लगा कि बॉल दो बार पैड पर लगी, इसलिए कन्फ्यूजन था।”