पहले ओवर में एडेन मार्करम ने अर्शदीप सिंह को दो चौके जड़कर आक्रामक बल्लेबाजी की कोशिश की, लेकिन चौथी ही गेंद पर वह आउट हो गए। विकेट कीपर संजू सैमसन ने विकेट के पीछे उनका आसान सा कैच लपका। भारतीय गेंदबाज लगातार अंतराल पर विकेट निकालते रहे और दक्षिण अफ्रीका का कोई भी खिलाड़ी बड़ा स्कोर नहीं कर सका। आवेश खान ने ट्रिस्टन स्टब्स (11) के रूप में चौथे ओवर में टीम को दूसरी सफलता दिलाई। उस समय दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 30 रन था। छठे ओवर में वरुण चक्रवर्ती ने रेयान रिकेल्टन (21) को तिलक वर्मा के हाथों कैच कराया।
चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए हेनरिक क्लासेन ने टीम के लिए सबसे ज्यादा 25 रन बनाए। डेविड मिलर 18 और पैट्रिक क्रुगर एक रन पर आउट हुए। एक समय 12.5 ओवर में 93 रन पर दक्षिण अफ्रीका के सात बल्लेबाज आउट हो चुके थे। मार्कों जेनसन (12) और गेराल्ड कोएट्जी (11 गेंद पर 23 रन) ने टीम के संघर्ष को आगे बढ़ाया। जेनसन को बिश्नोई ने पांड्या के हाथों कैच कराया। कोएट्जी 17वें ओवर में रन आउट हो गए। वह केशव महराज के शॉट पर सिंगल लेने के लिए भागे थे। बीच में दोनों बल्लेबाजों के बीच कुछ गफलत हुई और सूर्य कुमार यादव ने स्ट्राइकर एंड पर स्टंप्स बिखेर दिए।
इसके बाद मैच में औपचारिकताएं रही गईं। पूरी टीम 19 गेंद शेष रहते 141 रन पर आउट हो गई। इससे पहले सलामी बल्लेबाज संजू सैमसन की 107 रनों की आतिशी पारी के दम पर भारत ने 202/8 का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह सैमसन का लगातार दूसरा शतक है। टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला मेजबान टीम के लिए महंगा साबित हुआ। सैमसन ने सभी गेंदबाजों की धुलाई करते हुए महज 50 गेंद में 107 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में 10 छक्के और सात चौके लगाते हुए 88 रन बाउंड्री से जोड़े।
35 रन के भीतर गिरे 6 विकेट
14.3 ओवर में भारत ने 2 विकेट गंवाकर 167 रन बना लिए थे और लग रहा था कि स्कोर 230 के पार जाएगा लेकिन आखिरी 5.3 ओवर में भारत ने 6 विकेट गंवा दिए और सिर्फ 35 रन बनाए। संजू सैमसन के 107 रन निकाल दें तो भारतीय बल्लेबाज 70 गेंदों में सिर्फ 87 रन बना सके और 8 अतरिक्त रम मिले, जिसमें 20 ओवर में 8 विकेट गंवाकर टीम इंडिया 202 रन बना सकी।