
IND V WI: पृथ्वी शॉ ने अपने पिता को समर्पित किया डेब्यू शतक, भावुक हो कही ये बड़ी बातें
नई दिल्ली। भारत-वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट मकाबले में पदार्पण कर रहे 18 साल के पृथ्वी शॉ ने दमदार शतकीय पारी को अंजाम दिया। पृथ्वी ने अपने पदार्पण मैच को यादगार बनाया। 4 साल की उम्र में अपनी मां को खो देने वाले पृथ्वी ने 134 रनों की इस पारी को अपने पिता पंकज शॉ को समर्पित किया। पृथ्वी के पिता का संघर्ष बेटे से कहीं अधिक है। आज उनके पिता की मेहनत रंग लाई है और बेटे ने देश के लिए खेलते हुए पहले दिन ही कई कीर्तिमान रच डाले हैं।
गेंद की मेरिट पर खेले पृथ्वी-
जब पृथ्वी बल्लेबाजी कर रहे थे तब उनके मन में क्या चल रहा था या उन्होंने किस तरह से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पहली पारी का दबाव झेला, इसपर बोलते हुए पृथ्वी ने बताया कि "शतक लगाने के बाद बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है। मैं शुरुआत में काफी नर्वस था लेकिन कुछ समय बाद मैं सहज हो गया। मैं सिर्फ अपना स्वाभाविक खेल खेलना चाह रहा था। मैं सिर्फ यही सोच रहा था कि यह मेरे लिए किसी भी अन्य मैच की ही तरह है और फिर सब अच्छा घटा। मैंने गेंदों को मेरिट के हिसाब से खेला और आगे बढ़ता गया।"
पहला शतक पिता को किया समर्पित-
उन्होंने पिता को शतक समर्पित करते हुए कहा कि "मैं अपने पिता के बारे में सोच रहा था क्योंकि उन्होंने मेरे लिए बहुत बलिदान किए हैं। पहला शतक, ये उन्ही के लिए था। भारत के लिए खेलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। मैं इस मौके को भुनाना चाहता था। ये मेरे लिए अच्छी चुनौती थी और मैंने इनके सामने अच्छा प्रदर्शन किया।" उन्होंने आगे अपने खेल के बारे में बोलते हुए कहा कि "मैं छोटी उम्र से काफी स्कूल क्रिकेट खेलता आया हूं, एक साल में लगभग 30 से 35 मैच। मैंने रणजी में भी काफी क्रिकेट खेली है और इतने क्रिकेट के साथ आगे बढ़ता चला गया। इन सारे अनुभवों से मुझे मदद मिली और मैंने अपना खेल उसी अनुसार खेला। विकेट अच्छा था और मुझे खेलते रहना चाहिए था। चाय होने में केवल 10 मिनट का समय था ऐसे में मुझे संभल के खेलना चाहिए था।"
Published on:
05 Oct 2018 09:20 am
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