
नई दिल्ली। क्रिकेट के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली का कहना है कि उनके शुरुआती दिनों में लोग उन्हें उनके विनम्र व्यवहार पर तौलते थे और उनकी धारणा थी कि वह कुछ नहीं कर सकते। कोहली ने कहा कि आपकी कड़ी मेहनत का फल आपको मिलता है और खेल टैटू नहीं बल्कि आपकी प्रतिबद्धिता को देखता है। भारत इंग्लैंड टेस्ट सीरीज आज से शुरू है और 5 मैचों की इस टेस्ट सीरीज में कोहली का बल्ला यह निश्चित करेगा की भारत यह सीरीज जीतेगी या नहीं। विराट पिछली बार इंग्लैंड दौरे पर फेल रहे थे वह इस बार इसकी भरपाई करना चाहेंगे।
खेल टैटू नहीं देखता-
'जीक्यू इंडिया' के अगस्त माह के संस्करण के लिए साक्षात्कार में कोहली ने अपने पेशेवर जीवन के शुरुआती दिनों के बारे में बात की। कोहली ने कहा, "मैंने जब करियर की शुरुआत की थी, तो मुझे कई लोग मुझे देखकर धारणा बना लेते थे। मुझे मेरी उपस्थिति के बारे में कई प्रतिक्रियाएं मिलती थी। लोग कहते थे कि मैं कुछ नहीं कर सकता।" भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कोहली ने कहा, "सच्चाई यह है कि अगर आप कड़ी मेहनत करते हैं, तो खेल आपको इसका फल देगा। खेल आपके टैटू नहीं बल्कि आपकी प्रतिबद्धिता को देखता है।"
कोहली के लिए जीत हैं सबसे जरुरी-
कोहली ने कहा, "मेरे लिए जीत एक जुनून है। मैंने हार को स्वीकार करना अब सीखा है, लेकिन पहले हार मिलने पर मैं पागलों जैसा व्यवहार करता था।" वर्तमान में कोहली जीत के जुनून को देखने के बजाए कंधो पर जिम्मेदारी का भार संभालना सीख रहे हैं।
एकाग्र रहकर क्रिकेट खेलना चाहते हैं विराट-
विराट का पिछला इंग्लैंड दौरा अच्छा नहीं रहा था। ऐसे में उनके इस दौरे पर कई क्रिकेट पंडितों और पूरे भारत की नजरें टिकी हुई हैं लेकिन भारतीय कप्तान का कहना है कि वह इंग्लैंड में किसी को कुछ साबित करने नहीं आए हैं। वह सिर्फ एकाग्र रहकर अपनी क्रिकेट खेलना चाहते हैं और टीम को आगे ले जाना चाहते हैं। मैच से पहले संवाददाता सम्मेलन में विराट ने कहा, "शुरुआती दिनों में मैं बहुत कुछ पढ़ा करता था। तब मुझे मेरी आलोचनाएं परेशान करती थीं। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैं अब पढ़ता नहीं हूं। दक्षिण अफ्रीका में दो टेस्ट मैच तक मुझे नहीं पता था कि क्या चल रहा है। मेरा ध्यान सिर्फ मेरी तैयारी और टीम पर रहता है।"
Published on:
01 Aug 2018 03:07 pm
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