उस जमाने में वेस्टइंडीज की टीम को हराना काफी मुश्किल था और ये टीम दो बार वर्ल्ड कप की चैंपियन भी थी। टीम इंडिया जब इंग्लैंड गई थी तब किसी को नहीं पता था कि टीम वर्ल्ड कप की ट्राफी उठाकर लाएगी। टीम इंडिया ने फाइनल मैच में वेस्टइंडीज को लो स्कोरिंग मैच में 43 रन से हराया था। भारत ने पहले मुकाबले में छह विकेट से वेस्टइंडीज को हराया था। इसके बाद जिम्बाव्वे को दो बार हराया। इसके बाद वेस्टइंडीज ने दूसरी बार में टीम इंडिया को हरा दिया था। टीम इंडिया ने जिम्बाव्वे और ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की थी। सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को हराया था।
कपिल देव की टीम ने फाइनल में रचा था इतिहास
फाइनल में टीम इंडिया का मुकाबला वेस्टइंडीज की टीम के साथ हुआ था। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया सिर्फ 183 रन ही बना पाई। इसके बाद लगा था कि वेस्टइंडीज की टीम एक बार फिर चैंपियन बन जाएगी। वेस्टइंडीज की टीम ने एक समय दो विकेट खोकर 57 बना लिए थे लेकिन कपिल देव के करिश्मे ने मैच का रुख पलट दिया। वेस्टइंडीज की टीम 140 रनों पर सिमट गई और टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया। कपिल देव की इस टीम को आज भी याद किया जाता है। ये ना भूलने वाला पल सभी फैंस के जेहन में बसा है। इस टीम की वजह से ही आज भारत में क्रिकेट को फैंस दिल लगाकर देखते हैं।
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