
Shubman Gill Run out Controversy vs SRH: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के 51वें मुकाबले में शुभमन गिल 76 रन बनाकर रन आउट हुए। रनआउट का मामला इतना नजदीकी था कि मैदानी अंपायर्स ने तीसरे अंपायर्स को फैसला रेफर किया। रिप्ले में ऐसा साफ देखा जा सकता था कि गेंद और स्टंप का संपर्क नहीं हुआ है। स्टंप पर हेनरिक क्लासेन का ग्लव्स लगने से गिल्लियां बिखरती हुई नजर आ रही हैं। थर्ड अंपायर्स ने काफी समय लिया लेकिन बाद में उन्होंने बल्लेबाज के खिलाफ फैसला दिया और गिल को रनआउट करार दिया। इसके बाद पवेलियन लौटते ही शुभमन गिल अंपायर से भिड़ गए।
आईपीएल के नियम के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी अंपायर्स के फैसले का विरोध करता है या असंतोष जताता है तो उसे कई तरह की सजा मिल सकती है। अगर विरोध आक्रामक हुआ तो खिलाड़ी पर एक मैच का बैन भी लगाया जा सकता है। थर्ड अंपायर के फैसले पर बहस करना या उसका विरोध करना आईपीएल के कोड ऑफ कंडक्ट के तहत अनुशासनात्मक उल्लंघन माना जाता है। यह आर्टिकल 2.8 के तहत आता है।
अगर कोई खिलाड़ी सामान्य तौर पर अंपायर के फैसले पर असंतोष जताता है, तो उसकी मैच फीस का 50% तक जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि अगर मामला ज्यादा गंभीर हो तो 100% मैच फीस का जुर्माना भी लगया जा सकता है। साल 2022 में ऋषभ पंत और दिल्ली कैपिटल्स के कोचिंग स्टाफ के सदस्य प्रवीण अमरे पर एक संदिग्ध नो-बॉल के फैसले का विरोध करने के लिए 100% मैच फीस का जुर्माना लगाया गया था।
अगर असंतोष का स्तर गंभीर हो, जैसे कि मैदान पर खेल रोकना या कोचिंग स्टाफ का हस्तक्षेप, तो खिलाड़ी या स्टाफ पर एक मैच का प्रतिबंध लग सकता है। उदाहरण के लिए, प्रवीण अमरे को 2022 में एक मैच का बैन झेलना पड़ा था। आईपीएल के कोड ऑफ कंडक्ट में लेवल 1 उल्लंघन के लिए जुर्माना और लेवल 2 के लिए अधिक गंभीर सजा जैसे बैन का प्रावधान है। अंपायर के फैसले पर खुला विरोध खेल की भावना के खिलाफ माना जाता है।
Published on:
02 May 2025 09:34 pm
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