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इरफान पठान ने पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी को बताया बेहद ‘बदतमीज इंसान’, जानें क्या है मामला

Irfan Pathan vs Shahid Afridi: पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान ने एक इंटरव्‍यू में खुलासा किया कि कैसे पाकिस्तानी शाहिद अफरीदी ने उनके बारे में बुरा-भला कहा था, जिसके बाद उनके बीच प्रतिद्वंद्विता शुरू हो गई और फिर इरफान ने उन्हें कई बार आउट किया।

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भारत

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lokesh verma

Aug 16, 2025

Irfan Pathan vs Shahid Afridi

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान और पाकिस्‍तानी खिलाड़ी शाहिद अफरीदी। (फोटो सोर्स: IANS)

Irfan Pathan vs Shahid Afridi: पूर्व पाकिस्तानी ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी पिछले कुछ साल से भारतीय खिलाड़ियों, खासकर गौतम गंभीर के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। लेकिन, ऐसा लगता है कि उनकी इस सूची में सिर्फ गौतम गंभीर ही नहीं थे। उन्होंने पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान पर भी भद्दी टिप्पणियां कीं। लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में इरफान पठान ने खुलासा किया कि कैसे पाकिस्तानी शाहिद अफरीदी ने उनके बारे में बुरा-भला कहा था, जिसके बाद उनके बीच प्रतिद्वंद्विता शुरू हो गई, जिसके बाद इरफान ने उन्हें कई बार आउट किया।

इरफान पठान बनाम शाहिद अफरीदी

इरफान पठान ने बताया कि शाहिद अफरीदी ने हर्षा भोगले के साथ एक इंटरव्यू में अफरीदी ने उनकी जातीयता का मजाक उड़ाया था, जो निश्चित रूप से गलत था और उन्हें यह बात पसंद नहीं आई। इरफान ने कहा कि मैंने अपने करियर में शाहिद अफरीदी को 11 बार आउट किया है। हर्षा भोगले के साथ उनका एक इंटरव्यू था। उन्होंने कहा था कि मैं असली पठान हूं और इरफान नहीं। वह बेहद ही बदतमीज आदमी है। 

'वह सिर्फ मेरे बारे में नहीं, मेरे माता-पिता के बारे में था'

उन्‍होंने कहा कि मुझे लगता है कि वह सिर्फ मेरे बारे में नहीं, बल्कि मेरे माता-पिता के बारे में बात कर रहे थे। अगर उन्होंने यह सब न कहा होता तो मुझे उनसे कोई दिक्कत नहीं होती। लेकिन, निजी तौर पर बात करना गलत था। इसलिए जब भी मेरा उनसे सामना होता, मुझे पता होता कि मैं उनसे निपट लूंगा।

'उनके शब्दों का चुनाव अच्छा नहीं था'

इस पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर ने आगे बताया कि उन्हें मैदान पर कभी बातचीत करने का मौका नहीं मिला, क्योंकि अफरीदी एक झटके में आउट हो जाते थे, लेकिन फिर मैदान के बाहर, फ्लाइट में, एक बार बात करते थे, जो कि अच्छी बातचीत नहीं थी।

मैंने उन्हें कई बड़े मौकों पर आउट किया है। चाहे वो सीरीज के निर्णायक मैच हों या विश्व कप फाइनल... हमें कभी बातचीत करने का मौका नहीं मिला। वो अक्सर काफी जल्दी आउट हो जाते थे। इसलिए मैदान पर बात नहीं हुई। लेकिन मैंने उनसे कराची से लाहौर की एक फ़्लाइट में बात की थी। वहां भी वो पीछे से आए, मेरे बालों में हाथ फेरा और कहा कि कैसे हो बच्चे? वहां भी उनके शब्दों का चुनाव अच्छा नहीं था।