
Kiran More and Dhoni
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज और विकेटकीपर किरण मोरे ने हाल ही बताया कि महेन्द्र सिंह धोनी की टीम इंडिया में एंट्री कैसे हुई थी। किरण मोरे का दावा है कि उन्होंने ही धोनी की खोज की। इंटरनेशनल डेब्यू करने से पहले धोनी घरेलू क्रिकेट टीम में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर चर्चाओं में आ गए थे। हालांकि इसके बावजूद उन्हें भारतीय टीम में शामिल होने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं पूर्व चीफ सेलेक्टर किरण मोरे का कहना है कि महेन्द्र सिंह धोनी को टीम में शामिल करने के लिए वे करीब 10 दिनों तक भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को मनाते रहे।
द्रविड की जगह तलाश थी विकेटकीपर की
मोरे ने बताया कि उस समय उन्हें ऐसे विकेटकीपर की तलाश थी जो टीम में राहुल द्रविड की जगह ले सके और आक्रामक बल्लेबाजी भी कर सके। मोरे ने बताया कि उनकी तलाश धोनी पर जाकर खत्म हुई। हालांकि वर्ष 2001 में दीप दासगुप्ता, 2002 में अजय रात्रा, 2003 में पार्थिव पटेल और 2004 में दिनेश कार्तिक टीम इंडिया में बतौर विकेटकीपर डेब्यू कर चुके थे, लेकिन इनमें से कोई भी स्थाई रूप से टीम में जगह नहीं बना सके। वहीं राहुल द्रविड वनडे में विकेटकीपर की भूमिका निभा रहे थे। 2003 का वर्ल्ड कप द्रविड़ ने बतौर विकेटकीपर ही खेला था।
टीम के लिए चाहिए था पावर हिटर
साथ ही किरण मोरे ने आगे कहा कि उस समय उन्हें टीम के लिए एक ऐसे पावर हिटर की तलाश थी जो 6 या 7 नंबर पर बैटिंग करने उतरे और तेजी से 40-50 रन बना सके। वहीं राहुल द्रविड़ विकेटकीपिंग कर रहे थे और वह 75 मैच बतौर विकेटकीपर खेल चुके थे। उस समय महेन्द्र सिंह धोनी ने दलीप ट्रॉफी के फाइनल में शानदार पारी खेली थी। वर्ष 2004 में दिलीप ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला नार्थ जोन और ईस्ट जोन के बीच खेला गया था।
धोनी की बल्लेबाजी देखने गए थे मोरे
मोरे ने बताया कि दिलीप ट्रॉफी में दीपदास गुप्ता ईस्ट जोन टीम के विकेटकीपर थे। मोरे ने बताया कि उनके सहयोगी ने मैच में धोनी की बल्लेबाजी देखी थी। इसके बाद मोरे खुद धोनी की बैटिंग देखने गए थे। मोरे ने बताया कि धोनी ने उस मैच में 170 में से 130 रन बनाए थे। मोर ने कहा कि वे चाहते थे कि फाइनल में धोनी बतौर विकेटकीपर खेलें। मोरे ने बताया कि धोनी ने नार्थ जोन के सभी गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाए। इसके बाद धोनी ने केन्या दौरे पर ट्राई सीरीज में लगभग 600 रन बनाए थे।
10 दिन लगे समझाने में
मोरे का कहना है कि धोनी को टीम में विकेटकीपर के तौर पर लेने के लिए उनकी सौरव गांगुली और दीपदास गुप्ता के साथ काफी बहस भी हुई थी। मोरे के अनुसार, उन्हें सौरव गांगुली और चयनकर्ताओं को फाइनल में दीपदास गुप्ता की जगह एमएस धोनी को कीपिंग करने देने के लिए समझाने में 10 दिन लग गए। दलीप ट्रॉफी के फाइनल में धोनी ने ओपनिंग की थी। पहली पारी में उन्होंने 21 और दूसरी पारी में सिर्फ 47 गेंदों में 60 रन बनाए थे।
Updated on:
02 Jun 2021 12:57 pm
Published on:
02 Jun 2021 12:55 pm
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