‘द्रविड़ के बाद मिलनी चाहिए थी कप्तानी’
युवराज सिंह के मुताबिक, पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ के बाद भारतीय टीम की कप्तानी उन्हें मिलनी चाहिए थी, लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें नजरअंदाज करते हुए महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान बना दिया था।
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युवराज बोले-‘वनडे वर्ल्ड कप में बुरी तरह हारा था भारत’
युवराज सिंह ने इस मामले पर बात करते हुए अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उस साल भारत पहले ही 50 ओवर वर्ल्ड कप में बुरी तरह हारकर बाहर हुआ था। मेरा मतलब उस समय भारतीय टीम में जोरदार खलबली मची हुई और इसके बाद टीम को 2 महीने लंबा इंग्लैंड का दौरा करना था। इसके बाद आयरलैंड और साउथ अफ्रीका का भी एक—एक महीने का टूर था। टी20 वर्ल्ड का भी महीने लंबा शेड्यूल था और इस तरह टीम को पूरे 4 महीने घर से बाहर रहना था।
‘टी20 वर्ल्ड कप में थी कप्तानी की उम्मीद’
युवराज सिंह का कहना है कि उन्हें टी20 वर्ल्ड कप में कप्तानी की उम्मीद थी। तब सीनियर खिलाड़ियों ने सोचा था कि उन्हें क्रिकेट से थोड़ा ब्रेक चाहिए और उस समय कोई भी टी20 वर्ल्ड कप को सीरियस नहीं ले रहा था। ऐसे में मैं उम्मीद कर रहा था कि उन्हें टी20 वर्ल्ड कप में कप्तानी मिलेगी। लेकिन जब घोषणा हुई तो महेंद्र सिंह धोनी का नाम कप्तान के तौर पर ऐलान किया गया।
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युवराज के पिता ने लगाए थे धोनी पर कई आरोप
वर्ल्ड कप में युवराज सिंह को कप्तानी नहीं मिलने के साथ ही धोनी और उनके बीच मतभेद शुरू हो गए थे। एक तरह से दोनों दोस्तों के बीच दुश्मनी हो गई थी। युवराज के पिता योगराज ने धोनी पर टीम के चयन में पक्षपात के आरोप लगाए थे और इस मामले में काफी तूल पकड़ा था। इसके बाद युवराज सिंह को इस पर बयान देना पड़ा था। तब जाकर मामला शांत हुआ था। दरअसल, युवराज, धोनी की कप्तानी में लंबे समय तक टीम से बाहर रहे थे। योगराज का कहना था कि युवराज सिंह से मतभेद के चलते धोनी उन्हें टीम में जगह नहीं देना चाहते थे।