
Kumar Sangakkara Mahendra singh Dhoni
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट इतिहास (Indian Cricket History) में दो अप्रैल 2011 का दिन बेहद खास है। इसी दिन महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के नेतृत्व में भारत ने दूसरी बार एकदिवसीय विश्व कप (ODI World Cup 2011) जीता था। 2011 के विश्व कप में टीम इंडिया कुमार संगकारा (Kumar Sangakkara) के नेतृत्व वाली श्रीलंका की टीम से भिड़ी थी और उसे छह विकेट से हराकर दूसरी बार विश्व कप पर कब्जा जमाया था। यह मैच काफी रोमांचक था, लेकिन मैच शुरू होने से पहले ही टॉस को लेकर विवाद हो गया था, इसके बाद अंपायरों ने मैच में दूसरी बार टॉस कराने का निर्णय लिया था।
धोनी नहीं सुन पाए थे संगकारा की कॉल
फाइनल मैच में श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने विश्व कप के नौ साल बाद इस रहस्य पर से पर्दा उठाया कि मैच में दोबारा टॉस क्यों कराया गया था। उन्होंने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी का कहना था कि वानखेड़े स्टेडियम में मौजूद दर्शक की शोर में वह संगकारा का कॉल नहीं सुन पाए थे। स्टेडियम में बैठे दर्शक काफी उत्साहित थे और वह बहुत ज्यादा शोर मचा रहे थे। संगकारा ने कहा कि माही ने सिक्का उछाला था और कॉल उनकी थी। संगकारा ने बताया कि धोनी का कहना था कि वह नहीं सुन पाए कि उन्होंने क्या कहा। रेफरी ने जब कहा कि संगकारा ने टॉस जीता है तो उन्होंने पूछा कि आपने टेल्स कहा है। संगकारा ने कहा कि उन्होंने जब बताया कि उन्होंने हेड कहा है। मैच रेफरी ने भी कहा कि हां, श्रीलंका ने टॉस जीता है तो धोनी बोले, नहीं, नहीं आपने टेल कहा था। इस बात को लेकर थोड़ा भ्रम हो गया था। इसके बाद माही ने ही दोबारा टॉस कराने की सलाह दी। दोबारा टॉस में भी सिक्का उनके पक्ष में गिरा। यह बातें संगकारा ने लाइव इंस्टाग्राम चैट पर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) से बात करते हुए कही।
टॉस जीतने के बावजूद श्रीलंका हारा, भारत बना विजेता
बता दें फाइनल मैच में टॉस जीतने के बावजूद श्रीलंका को हार मिली थी। संगकारा ने कहा कि उन्हें ऐसी उम्मीद है कि अगर माही टॉस जीतते तो वह भी पहले बल्लेबाजी करते और वह लक्ष्य का पीछा करते। फिर कहानी कुछ अलग होती। ये शायद उनकी किस्मत ही थी कि टॉस जीतकर उन्होंने बल्लेबाजी ली। फाइनल में हार पर उन्होंने कहा कि मैच से पहले एंजेलो मैथ्यूज (Angelo Mathews) के इंजर्ड होने से उनकी टीम पर बहुत ही असर पड़ा। उनकी वजह से उन्हें 6- 5 के कांबिनेशन (छह बल्लेबाज और पांच गेंदबाज) के साथ मैदान पर उतरे। अगर वह घायल नहीं होते तो हम 7- 4 के कांबिनेशन के साथ उतरते।
मैथ्यूज का चोटिल होना बड़ा झटका था
संगकारा ने बताया कि मैथ्यूज का चोटिल होना उनकी टीम के लिए बड़ा झटका था। उनकी गैर-मौजूदगी का असर टीम के बैलेंस पर पड़ा और निश्चित रूप से परिणाम पर भी। संगकारा ने कहा कि इसके अलावा फाइनल मैच में उनकी टीम ने कई कैच भी टपकाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने टीम में जो बदलाव किए थे, वह उनकी रणनीति का हिस्सा था, लेकिन वही टर्निंट प्वाइंट साबित हुआ।
Published on:
29 May 2020 06:44 pm
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