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Happy Birthday Sachin: पहले ही दौरे के समय धर्मसंकट में फंस गए थे सचिन, भाई अजीत ने की थी मदद (Part-1)

locationनई दिल्लीPublished: Apr 24, 2019 11:27:20 am

Submitted by:

Manoj Sharma Sports

सचिन तेंदुलकर का 46वां जन्मदिन आज।
सचिन ने पाकिस्तान के खिलाफ किया अपना दौरा।
दौरे के समय सचिन की उम्र थी मात्र 16 साल।

Sachin Tendulkar with Big Brother Ajeet Tendulkar

नई दिल्ली। सचिन। ऐसा लगता है मानो इस एक शब्द में ही पूरी क्रिकेट की दुनिया समाई हुई हो। ऐसा तो अक्सर देखने को मिलता है कि जो व्यक्ति जिस प्रोफेशन से जुड़ा है उसकी पहचान उसी प्रोफेशन से होती है, लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है उस प्रोफेशन की पहचान ही उस व्यक्ति से हो जाए जिसने अपनी लगन और समर्पण उसके लिए काम किया हो। एक ऐसी ही शख्सियत है सचिन तेंदुलकर ( Sachin Tendulkar )। आज सचिन ( Sachin ) तेंदुलकर का 46वां जन्मदिन है। तो हमनें सोचा कि क्यूं न आज हमारे दर्शकों के लिए सचिन से जुड़ी कुछ अनसुनी और अनकही बातों को आपसे शेयर किया जाए।

पहले दौरे के समय धर्मसंकट में फंस गए थे सचिनः

बात सचिन के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के पहले दौरे की है। ये बात तो ज्यादातर लोग जानते हैं कि सचिन का पहला दौरा पाकिस्तान का था। लेकिन इस दौरे से जुड़ी एक खास बात है जो बेहद कम लोग जानते हैं। पाकिस्तान जैसी दिग्गज टीम के खिलाफ टीम में चुने जाने को लेकर सचिन को खुशी तो थी ही, लेकिन उनके लिए एक समस्या भी खड़ी हो गई थी जिसका हल उन्हें नहीं मिल रहा था। दरअसल जब पाकिस्तान के खिलाफ दौरे के सभी खिलाड़ियों से अनुबंध पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे थे तो सचिन हस्ताक्षर करने के योग्य नहीं थे।

जी हां, आपने सही सुना। ऐसा इसलिए था कि भारतीय बोर्ड की यह शर्त थी कि अनुबंध पर नाबालिग के हस्ताक्षर नहीं हो सकते थे। चूंकि सचिन की उम्र उस समय मात्र 16 वर्ष ही थी। इसलिए अब सचिन इस बात को लेकर धर्मसंकट में फंस गए कि क्या करें और क्या नहीं। सचिन हस्ताक्षर कर नहीं सकते और इतना बड़े दौरे को छोड़ना उनके करियर के लिए नुकसानदायक हो सकता था। इस समय उनकी मदद के लिए आगे आए उनके भाई अजीत। ये तो सभी जानते हैं कि सचिन के क्रिकेट करियर को संवारने में उनके बड़े भाई अजीत का कितना बड़ा योगदान रहा है।

तो यहां भी सचिन को इस परेशानी से उनके भाई अजीत ने ही बाहर निकाला। सचिन के स्थान पर उनकी ओर से उनके भाई अजीत ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। तब जाकर कहीं जाकर सचिन की परेशानी दूर हुई और वे दौरे के लिए जा सके।

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