शेन वॉर्न ने अपना टेस्ट डेब्यू वर्ष 1992 में सिडनी में भारत के खिलाफ किया था। हालांकि पहले टेस्ट में शेन वॉर्न कुछ कमाल नहीं दिखा पाए थे। उन्हें इस टेस्ट मैच में सिर्फ एक विकेट लिया था। वहीं एशेज सीरीज में डेब्यू करने से पहले शेन वॉर्न के नाम 11 टेस्ट में 32 विकेट दर्ज दर्ज थे। 1992 के बॉक्सिंग डे टेस्ट में वॉर्न ने वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में 52 रन देकर 7 विकेट लिए थे। एशेज सीरीज में वॉर्न ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस सीरीज में उन्होंने 5 टेस्ट में 29 विकेट लिए थे।
एशेज सीरीज में शेन वॉर्न ने पहले ही ओवर में ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ फेंकी थी, जिसकी चर्चा आज तक होती है। सीरीज के पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी की। ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम पहली पारी में 289 रन पर ऑल आउट हो गई थी। वहीं इंग्लैंड की टीम से ओपनिंग करने के लिए ग्राहम गूच और माइक आर्थटन आए। दोनों की जोड़ी ने 71 रन बनाए और इसके बाद आर्थटन आउट हो गए। आर्थटन के आउट होने के बाद माइक गैटिंग बल्लेबाजी करने के लिए आए थे। शेन वॉर्न को ओवर डालने के लिए कहा गया। इस मैच में शेन वॉर्न का यह पहला ओवर था। शेन वॉर्न ने माइक गैटिंग को फ्लाइटेड गेंद फेंकी, जो लेग स्टम्प के बाहर गिरी। सभी को लगा कि बॉल लेग स्टम्प के बाहर निकल जाएगी, लेकिन गेंद ऑफ स्टम्प पर लगी। इसे देखकर सभी आश्चर्यचकित रह गए। बाद में इस गेंद को सदी की सबसे महान गेंद का खिताब दिया गया।
वहीं गैटिंग का कहना है कि उन्हें भी यह लम्हा हमेशा याद रहेगा क्योंकि वे भी इस बॉल के जरिए इतिहास का हिस्सा बन गए। वहीं शेन वॉर्न ने कहा था कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो ऐसी गेंद भी फेंक सकते हैं। वॉर्न का कहना था कि वे बस लेग ब्रेक कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गेंद 90 डिग्री तक घूम गई जो कि एक अजूबा था। शेन वॉर्न ने ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ को अपनी लाइफ का सबसे खास पल भी बताया है।