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कभी 500 रुपए के लिए दिनभर किया था काम, आज टीम इंडिया का बन चुका है स्टार, अश्विन को सुनाई अपनी कहानी

कभी 500 रुपये रोजाना कमाने वाले वरुण ने आर्किटेक्चर, संगीत और फिल्मों में हाथ आजमाने के बाद क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई। टीएनपीएल से आईपीएल तक का सफ़र तय करते हुए, उन्होंने टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में अहम भूमिका निभाई।

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Varun Chakravarthy (Photo- IANS)

Varun Chakravarthy (Photo- IANS)

क्रिकेट ने कई ऐसे लोगों कि जिंदगी बदली है, जो कभी दो वक्त की रोटी नहीं खा पा रहे थे, वो आज करोड़ों में खेल रहे हैं। कहते हैं कि अगर आपकी बार बार हार हो रही है तो, जीत आसमां तक होगी। कुछ ऐसा ही भारतीय टीम के मिस्ट्री ऑलराउंडर वरुण चक्रवर्ती के साथ हुआ। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने हाल ही में रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल ‘कुट्टी स्टोरीज विद ऐश’ पर अपने शानदार करियर और क्रिकेट तक के सफर के बारे में खुलकर बात की। इस इंटरव्यू में चक्रवर्ती ने बताया कि क्रिकेट में आने से पहले वह आर्किटेक्चर, संगीत और फिल्म जैसे अलग अलग फील्ड्स में अपनी किस्मत आजमा चुके थे।

14 हजार थी पहली सैलरी

टीम इंडिया के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए वरुण चक्रवर्ती ने बताया कि कॉलेज पूरा करने के बाद उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक एक आर्किटेक्चर कंपनी में काम किया, जहां उनकी एक महीने का सैलरी 14,000 रुपये थी और आगे चलकर 18,000 रुपये तक पहुंची। वरुण ने बताया कि वो भले ही ये काम कर रहे थे लेकिन इस नौकरी में उनका मन नहीं लगता था। इसके बाद उन्होंने संगीत में अपना हाथ आजमाया और गिटार सीखने की कोशिश की। वरुण ने कहा, “अगर आप कला को दूसरों को खुश करने या ध्यान आकर्षित करने के लिए करते हैं, तो यह कभी काम नहीं करता।”

वरुण के करियर ने फिर पटरी बदली और उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। उन्होंने एक जूनियर आर्टिस्ट के रूप में काम करना शुरू किया, जहां उन्हेंन एक दिन के 600 रुपये मिलते थे। उन्होंने यहां एक फिल्म में भी काम किया। यही नहीं इस गेंदबाज ने क्रिकेट की पिच पर उतरने से पहले कुछ शॉर्ट फिल्मों को भी डायरेक्ट किया, लेकिन स्क्रीनप्ले लिखने में असफलता के कारण यह सपना भी अधूरा रहा। वरुण ने बताया कि इस दौरान वह टेनिस-बॉल क्रिकेट खेलते रहे, जिसने उन्हें क्रिकेट की ओर वापस लौटने के लिए प्रेरित किया।

TNPL में कमाल कर बनाया रास्ता

अब तक वरुण 26 साल के हो चुके थे और उन्हें अहसास हो चुका था कि क्रिकेट में लौटना सही रहेगी। तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरने वाले वरुण ने 2018 में मदुरै की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद, 2019 में पंजाब किंग्स ने उन्हें 8.4 करोड़ रुपये में खरीदा, लेकिन शुरुआत अच्छी रही रही। 2020 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें मौका दिया, जहां उन्होंने 17 विकेट लेकर अपनी प्रतिभा साबित की। 2021 में भारत के लिए टी20 डेब्यू करने के बावजूद, चोटों और फिटनेस समस्याओं ने उनके करियर को प्रभावित किया।

2023 से वरुण ने अपना अलग वर्जन दुनिया को दिखाया। 2024 में केकेआर के आईपीएल खिताब जीतने में उनके 21 विकेट ने सबकुछ बदल कर रख दिया। उन्हें टी20 वर्ल्डकप 2024 के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया और वहां कमाल कर भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिक निभाई। 2025 के चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने नौ विकेट लेकर भारत की जीत में अहम योगदान दिया। वरुण की यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि असफलताओं और अलग अलग करियर ऑप्शन के बावजूद, सही दिशा और मेहनत से कोई भी सपना हासिल किया जा सकता है।

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