
नई दिल्ली :अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल ( ICC) ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ( Zimbabwe cricket board ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हालांकि आईसीसी ने यह फैसला जिम्बाब्वे सरकार की ओर से वहां के क्रिकेट बोर्ड के लिए लोकतांत्रिक और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए माहौल तैयार न करने के कारण लिया है। लेकिन इस फैसले का सबसे ज्यादा असर वहां के क्रिकेटरों और क्रिकेट से जुड़े अन्य लोगों पर पड़ा है। एक झटके में वह सब बेरोजगार हो गए हैं। इनमें जिम्बाब्वे राष्ट्रीय टीम ( Zimbabwe cricket team ) से क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों के साथ उभरते प्रतिभावान युवाओं के करियर पर खतरा मंडराने लगा है। अगर यह निलंबन दो साल भी चलता है तो वर्तमान के सारे खिलाड़ियों का करियर खत्म हो जाएगा।
इन पर पड़ेगा सीधा-सीधा असर
ऐसे 15 क्रिकेटर तो सीधे-सीधे वही हैं, जो सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में थे। इसके अलावा कम से कम 10-15 खिलाड़ी ऐसे हैं, जो राष्ट्रीय टीम में आने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे। लेकिन इस फैसले का अर्थ महज इतना भर नहीं है, बल्कि इससे कहीं बहुत अधिक है। इस फैसले से इन खिलाड़ियों का परिवार, कोच, सपोर्ट स्टाफ, ग्राउंड स्टाफ जैसे कई अन्य लोग भी प्रभावित होंगे। यह सब एक झटके में बेरोजगार हो जाएंगे। इस वजह से अब जिम्बाब्वे के क्रिकेटर और इस खेल जुड़े लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि वह क्या करें।
सिकंदर रजा ने तो क्रिकेट सामान जलाने की कही बात
टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी सिकंदर रजा ने कहा कि आईसीसी के इस एक फैसले से अचानक से कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। मजबूरी में अब जिम्बाब्वे के खिलाड़ी कोई और करियर अपनाने के बारे में सोच सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते कि एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के तौर पर अब वे कहां खेलेंगे। हताश सिकंदर ने यह भी कहा कि क्या उन्हें अब क्रिकेट का सामान जला देना चाहिए और नौकरी के लिए प्रयास करने चाहिए। बता दें कि सिकंदर रजा सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
विश्व कप में न क्वालिफाई करने से भी ज्यादा गहरा आधात
सिकंदर रजा ने कहा कि आईसीसी का यह फैसला निराश, हताश और दिल तोड़ने वाला है। टीम के खिलाड़ी वैसा ही महसूस कर रहे हैं, जैसा पिछले साल आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में क्वालिफाई नहीं कर पाने पर कर रहे थे। सच कहा जाए तो उससे भी कहीं बहुत ज्यादा। यह स्थिति उससे ज्यादा भयावह है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी अपने अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। सब ओर अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बदले आईसीसी को जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड का निलंबन जारी रखते हुए राष्ट्रीय टीम को खेलने की अनुमति देनी चाहिए थी। टीम का कोई भी खिलाड़ी इस तरह से अपने करियर को खत्म नहीं करना चाहता था। यह बेहद दुखद है।
ब्रेंडन टेलर ने भी जताई निराशा
विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रेंडन टेलर ने भी आईसीसी के इस फैसले पर ट्वीट कर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि आईसीसी के इस फैसले से एक साथ कई क्रिकेटर बेरोजगार हो गए हैं और इसका असर सिर्फ उन पर नहीं, बल्कि क्रिकेटरों के परिवार पर भी पड़ेगा। उनके साथ कोच, कई सपोर्ट स्टाफ, ग्राउंड स्टाफ भी बेरोजगार हो जाएंगे।
जनवरी में था भारत के साथ सीरीज
बता दें कि जिम्बाब्वे को अगले साल जनवरी में भारत के साथ 3 मैचों की टी-20 सीरीज खेलनी थी, लेकिन जिम्बाब्वे क्रिकेट के सस्पेंड होने से इस द्विपक्षीय सीरीज भी खतरा मंडरा रहा है।
Updated on:
22 Jul 2019 07:50 pm
Published on:
20 Jul 2019 12:00 am
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