Paris Olympics 2024: 26 जुलाई से शुरू होने जा रहे पेरिस ओलंपिक में भारत केवल भारतीय दल तक सीमित नहीं रहेगा। इस दौरान कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं भारत के हैं, लेकिन ओलंकि में अन्य देशों का प्रतिनिधित्व करने उतरेंगे। पेरिस ओलंपिक में भारतीय मूल के 2 एथलीट अमेरिका, एक-एक फ्रांस, सिंगापुर और कनाडा का प्रतिनिधित्व करेंगे। आइए इन 5 एथलीट्स के बारे में जानते हैं...
अमेरिका के डेनवर में जन्में राजीव के पिता बेंगलुरु के रहने वाले थे। उनके दिवंगत पिता बोटेनिस्ट थे, जबकि मां सुषमा साइंटिस्ट हैं। 2016 रियो ओलंपिक में वे वीनस विलियम्स के साथ खेलते हुए मिश्रित युगल में अमरीका के लिए रजत पदक जीत चुके हैं। पेरिस ओलंपिक में राजीव पुरुष युगल स्पर्धा में हिस्सा लेंगे। राम ने एक बार कहा था, मुझे अपनी भारतीय विरासत पर गर्व है। टेनिस में बहुत ज्यादा भारतीय नहीं हैं। हम एक समूह के रूप में जो भी कामयाबी अर्जित करेंगे, उससे आने वाली पीढी को प्रेरणा मिलेगी।
प्रिथिका के पिता का जन्म पुड्डुचेरी में हुआ था। वे 2003 में शादी के बाद पेरिस जा बसे और एक साल बाद प्रिथिका का जन्म हुआ। खुद टेबल टेनिस खिलाड़ी रहे उनके पिता ने उन्हें इस खेल से रूबरू कराया जब वह छह साल की थीं। उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में टोक्यो में पहले ओलंपिक में हिस्सा लिया। रसायन और पर्यावरण विज्ञान की छात्रा 19 वर्ष की प्रिथिका महिला एकल, महिला युगल और मिश्रित युगल में खेलेंगी।
भारतीय मूल के एक और खिलाड़ी कनक झा अमेरिका के लिए खेलेंगे। झा की मां करूणा मुंबई से और पिता अरुण कोलकाता से हैं। दोनों आईटी पेशेवर हैं। झा ने कैलिफोर्निया में भारतीय समुदाय केंद्र से टेबल टेनिस खेलना शुरू किया। 24 वर्ष के झा चार बार अमरीका के राष्ट्रीय चैंपियन रह चुके हैं और पिछले दो ओलंपिक खेल चुके हैं। उसने यूथ ओलंपिक 2018 में पदक जीता था। कनक झा पेरिस ओलंपिक में पुरुष एकल में चुनौती पेश करेंगे।
सिंगापुर की फर्राटा क्वीन के नाम से मशहूर वेरोनिका शांति परेरा केरल मूल की है। उनके दादा दादी तिरूवनंतपुरम के वेट्टुकाड के थे। उनके दादा को सिंगापुर में नौकरी मिली और उन्होंने भारत छोड़कर वहां घर बसाया। परेरा ने 2022 एशियाई खेलों में महिलाओं की 100 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था। सिंगापुर की वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी चुनी गई परेरा ओलंपिक उद्घाटन समारोह में सिंगापुर के दो ध्वजवाहकों में से होंगी।
ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में जन्मे अमरवीर के पिता बलबीर धेसी खुद ग्रीको रोमन पहलवान रह चुके हैं । पंजाब के जालंधर के संघवाल गांव से निकले बलबीर को पंजाब पुलिस में नौकरी भी मिल गई थी, लेकिन बेहतर जिंदगी की तलाश में वह 1979 में कनाडा चले गए। उन्होंने 1985 में सर्रे में युवाओं के लिए खालसा कुश्ती क्लब शुरू किया। अमर अपने पिता और बड़े भाई परमवीर के साथ कुश्ती खेलते थे। उन्होंने टोक्य ओलंपिक में पदार्पण करते हुए पुरुषों के 125 किलो वर्ग में 13वां स्थान हासिल किया था। उसके एक साल बाद उन्होंने पेन अमरीकी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
Published on:
23 Jul 2024 09:50 am