
ओवल टेस्ट में जो रूट को आउट करने के बाद प्रसिद्ध कृष्णा। (फोटो सोर्स: IANS)
Prasidh Krishna on Joe Root: भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराया था। शुभमन गिल की कप्तानी वाली युवा टीम के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि थी। तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा का इसमें अहम योगदान रहा था। प्रसिद्ध कृष्णा ने कहा है कि एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारत का 2-2 से रोमांचक ड्रॉ उनके करियर के सबसे यादगार अनुभवों में से एक के रूप में उनकी यादों में हमेशा के लिए अंकित रहेगा। एक रिपोर्ट में प्रसिद्ध कृष्णा ने आखिरी टेस्ट के दौरान ओवल हुई घटना का भी जिक्र किया है, जब उनके और जो रूट के बीच बहसबाजी हो गई थी।
प्रसिद्ध ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से बातचीत में कहा कि मुझे नहीं पता रूट ने ऐसी प्रतिक्रिया क्यों दी। मैंने बस इतना कहा था कि आप अच्छे लग रहे हो और फिर बात गाली गलौज तक पहुंच गई। इस पर मैंने कुछ खिलाड़ियों के साथ रूट से भी बात की। मैंने उनसे पूछा क्या हुआ था तो वे बोले कि मुझे लगा तुमने गाली दी है। मैं बोला कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा था। फिर रूट ने कहा कि असल में मैं खुद को प्रेरित करने का प्रयास कर रहा था। इसलिए बात थोड़ी बढ़ गई।
29 वर्षीय कृष्णा ने 'द ओवल' में खेले गए पांचवें और निर्णायक टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया था और कुल 8 विकेट लेते हुए भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। कृष्णा ने कहा कि शारीरिक रूप से दौरे ने मुझे थका दिया था। इंग्लैंड सीरीज के बाद मैंने दस दिन का ब्रेक लिया था। ब्रेक के दौरान भी मुझे शरीर में दर्द महसूस हो रहा था।
द ओवल टेस्ट का पांचवां दिन याद करते हुए कृष्णा ने कहा कि पहली गेंद, मैंने पहले ही तय कर लिया था, बाउंसर होने वाली थी। वह गेंद चौके के लिए गई, लेकिन इससे मुझे यह समझने में भी मदद मिली कि पिच पर क्या हो रहा है। दूसरी गेंद अंदरूनी किनारे से लगी। पहली दो गेंदों पर आठ रन आने के बावजूद, मैं काफी संयमित था। मुझे पता था कि मुझे एक निश्चित क्षेत्र में एक निश्चित लंबाई पर गेंद फेंकनी होगी और गेंद को ही अपना काम करने देना होगा।
कृष्णा ने दूसरे छोर से दबाव बनाने के लिए मोहम्मद सिराज को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि पहले कुछ ओवरों में मुझसे ज्यादा सिराज की गेंद स्विंग कर रही थी। जेमी स्मिथ का आउट होना निर्णायक था। उस विकेट ने सब कुछ बदल दिया। फिर विकेट गिरना समय की बात थी। जब आखिरी विकेट गिरा तो भारत खुशी से झूम उठा।
प्रसिद्ध ने उस क्षण को याद करते हुए कहा कि आखिरी विकेट गिरने के बाद जो खुशी मिली उसे बयां नहीं किया जा सकता। हमने जमकर जश्न मनाया। जब मैं अब बैठकर खेल देखता हूं तो यह पहले जैसा नहीं लगता। मैदान पर होने के कारण माहौल बहुत अच्छा, बहुत ऊर्जावान और बहुत ज्यादा खुशी देने वाला था। यह कुछ ऐसा है जो हमेशा मेरे साथ रहेगा।
Published on:
03 Sept 2025 09:14 am
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