चेन्नई में है कड़ा लॉकडाउन लागू
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और आसपास के क्षेत्र में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी तेजी से फैलने के कारण चेन्नई समेत आसपास के तीन जिलों में कड़े लॉकडाउन को 30 जून तक जारी रखा गया है। इस प्रतिबंध के तहत लोग जरूरी काम के लिए घर के आसपास की दो किलोमीटर दूरी के भीतर कहीं आ-जा सकते हैं। वह भी पैदल, किसी वाहन का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। वाहन पर प्रतिबंध होने के बावजूद रॉबिन सिंह सब्जी लेने के लिए कार से निकले थे।
अपने समय के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षकों में होती है गिनती
रॉबिन सिंह बाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के गेंदबाज थे। इसके अलावा कमाल के क्षेत्ररक्षक थे। वह सीमित ओवरों के क्रिकेट में टीम इंडिया का लंबे समय तक प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और उपयोगी हरफनमौला खिलाड़ी (Allrounder) माने जाते थे। उन्हें भारत की ओर से 136 वनडे और 1 टेस्ट मैच में खेलने का मौका मिला। 136 वनडे में उन्होंने एक शतक और नौ अर्धशतक की मदद से 2,336 रन बनाए और 69 विकेट लिए। इसके अलावा उन्होंने 137 प्रथम श्रेणी क्रिकेट (First Class Cricket) में 46 की बेमिसाल औसत से 6997 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 22 शतक और 33 अर्धशतक निकले और 172 विकेट भी झटके।
टीम इंडिया समेत कई टीमों को दी कोचिंग
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद रॉबिन सिंह कोचिंग के क्षेत्र में उतरे। सबसे पहले वह भारत की अंडर 19 क्रिकेट टीम (India U-19 Cricket Team) के कोच बने। इसके बाद हांगकांग (HongKong U-19 Cricket Team) का कोचिंग पद संभाला और उन्हें 2004 एशिया कप के लिए क्वालिफाई कराया। 2006 में इंडिया ए क्रिकेट टीम (India-A Cricket Team) के कोच बने। तब गौतम गंभीर (Goutam Gambhir) और रॉबिन उथप्पा (Robin uthappa) जैसे खिलाड़ी इंडिया-ए के लिए ही खेलते थे। रॉबिन सिंह के कोचिंग में ही इनका खेल निखरा। 2007-08 में टीम इंडिया के फील्डिंग कोच और आईपीएल में वो डेक्कन चार्जर्स के हेड कोच बने। वह अक्टूबर 2009 तक टीम इंडिया के फील्डिंग कोच रहे। इसके बाद से वह आज तक मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) की टीम के साथ बतौर बल्लेबाजी कोच जुड़े हुए हैं। बांग्लादेश प्रीमियर लीग में भी वह खुलना डिविजन क्रिकेट टीम के कोच रह चुके हैं और श्रीलंका प्रीमियर लीग की उवा टीम को भी कोचिंग दे चुके हैं। सीपीएल में वे बारबाडोस ट्राइडेंट्स के कोच रहे।
पढ़ाई के लिए आए थे भारत
रॉबिन सिंह वेस्ट इंडीज मूल के हैं। उनका जन्म त्रिनिडाड में हुआ था। वह 19 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए चेन्नई आए थे और यहीं के होकर रह गए। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास से अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री ले रखी है। रॉबिन सिंह अब चेन्नई में ही अपनी पत्नी सुजाता और बेटे धनंजय के साथ रहते हैं और क्रिकेट एकेडमी चलाते हैं।